लखनऊ :किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक्स विभाग में नर्सिंग ऑफिसर से छेड़खानी का मामला सामने आया. पीड़िता की शिकायत के बाद कमेटी ने जांच की. जांच के बाद आरोपित पर तबादला दूसरे विभाग में करने की संस्तुति की गई है. साथ ही आरोपी की एक साल की वार्षिक वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है.
पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक्स विभाग में तैनात नर्सिंग ऑफिसर ने 26 जनवरी को विभागाध्यक्ष से लिखित शिकायत की. जिसमें आसिस्टेंट नर्सिंग ऑफिसर (एएनएस) पर मानसिक और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए गए. आरोप हैं कि तीन माह से लगातार परेशान कर रहा था, छेड़खानी करता है. यही नहीं रात में फोन कर परेशाान करना शुरू कर दिया. मोबाइल पर संदेश भी भेजना लगा. शिकायती पत्र में इससे जुड़े सुबूत भी लगाए. 25 जनवरी को रात करीब 11.30 बजे फोन किया. वॉटसएप भी किया. कई बार फोन कॉल काटने के बाद भी जब वह नहीं माना तो मैंने फोन कॉल उठाया. बातचीत के दौरान उसने मेरा कॅरियर खराब करने की धमकी दी. शिकायत के बाद केजीएमयू महिला उत्पीड़न निवारण समिति की अध्यक्ष डॉ. मोनिका कोहली ने घटना की जांच की. जांच कमेटी ने शिकायतकर्ता व आरोपित के लिखित व मौखिक बयान लिए. बयान के आधार पर आरोपित एएनएस को दोषी पाया गया.
कमेटी की सिफारिश
-पीडियाट्रिक आर्थोपैडिक विभाग में आरोपित एएनएस का स्थानान्तरण तत्काल प्रभाव से दूसरी जगह किया जाए
-आरोपित का एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोकी जाए
-अनुशासनहीनता के आरोप में चेतावनी दी गई
-दोबारा गलती करने पर बर्खास्तगी की कार्रवाई की जाए
-नई तैनाती स्थल पर इंचार्ज या प्रभारी का चार्ज एक वर्ष तक न दिए