करनाल लोकसभा क्षेत्र: लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही चुनावी सरगर्मियां चरम पर पहुंच चुकी है. इसके साथ ही पार्टियों में बढ़ी हलचल के साथ ही बड़े फेरबदल भी हो रहे हैं. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद मनोहर लाल को करनाल लोकसभा से भाजपा ने प्रत्याशी के रूप में उतारा है. वहीं, अभी तक कांग्रेस मजबूत प्रत्याशी को तलाश रही है. करनाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी मनोहर लाल को मजबूत करने के लिए पार्टी के सदस्य रूठों को मनाने में जुटे हैं. इसी कड़ी में 2014 में पानीपत शहरी विधानसभा सीट से विधायक रहीं रोहिता रेवड़ी मंगलवार (2 अप्रैल) के दिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात के बाद फिर से सक्रिय हो गई हैं. अब कांग्रेस के लिए इस नेता का सक्रिय होना समीकरण में बड़ा बदलाव माना जा रहा है.
रोहिता रेवड़ी के एक्टिव होने से BJP को बढ़त!: रोहिता रेवड़ी ने 2009 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में नगर निगम का चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में एक तरफ जीत हुई थी. माना गया था कि यह नगर निगम का चुनाव की सबसे बड़ी जीत है. 2014 में रोहिता रेवड़ी को भाजपा ने शहरी विधानसभा से प्रत्याशी के रूप में उतारा था और रोहिता रेवड़ी को पंजाबी वोट बैंक ने एकतरफा जीत दिलाई थी. रोहिता रेवड़ी ने कांग्रेस के वीरेंद्र शाह से 53 हजार वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. 2019 में भाजपा ने शहरी विधानसभा से प्रमोद बी को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा था और रोहिता रेवड़ी की टिकट काट दी थी, जिससे रोहिता रेवड़ी नाराज चल रही थीं. इसके बाद से रोहिता रेवड़ी ने मुख्यधारा की राजनीति से दूरी बना ली थी. ऐसे में रोहिता रेवड़ी के निष्क्रिय होते ही पंजाबी वोट बैंक का रुझान कांग्रेस के नेता वीरेंद्र उर्फ बुल्ले शाह की ओर हो गया था.
पंजाबी वोट बैंक पर रोहिता रेवड़ी का बड़ा प्रभाव:रोहिता रेवड़ी की मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ मीटिंग के बाद चुनावी सरगर्मियां और तेज हो गई हैं, क्योंकि पंजाबी वोट बैंक पर रोहिता रेवड़ी का बड़ा प्रभाव है. अब कांग्रेस के लिए और भी मुश्किल खड़ी हो सकती है. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार रोहिता रेवड़ी के पास एक बहुत बड़ा पंजाबी वोट बैंक पानीपत शहरी विधानसभा से है. ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि अब मनोहर लाल को पानीपत शहरी विधानसभा से एकतरफा वोट मिल सकता है.