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भाजपा प्रत्याशी के विरोध में काम कर रहे 4 पदाधिकारी 6 साल के लिए निष्कासित, अनुशासनहीनता पर संगठन ने दिखाई सख्ती - Aligarh BJP official expulsion

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 30, 2024, 6:42 AM IST

अलीगढ़ में लोकसभा चुनाव में पार्टी के नियमों को खिलाफ जाकर विपक्ष के प्रत्याशी के लिए प्रचार करना भाजपा के 4 पदाधिकारियों को महंगा पड़ गया. संगठन की ओर से सभी पर कार्रवाई की गई है.

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अलीगढ़ :लोकसभा चुनाव का मतदान होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने 4 पदाधिकारियों को अनुशासनहीनता के चलते 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी कृष्ण पाल सिंह लाला प्रधान की तरफ से निष्कासन का पत्र जारी किया गया है. इसकी प्रति प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, प्रदेश महामंत्री धर्मपाल सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज क्षेत्र संतोष सिंह और ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्विजय सिंह शाक्य को भी भेजी गई है.

दरअसल, अलीगढ़ लोकसभा चुनाव में कम मतदान से जहां भाजपा की नींद उड़ी हुई है, वहीं पार्टी के पदाधिकारी भी विपक्षी प्रत्याशियों की चुनाव जीतने में मदद कर रहे थे. भाजपा सांसद और तीसरी बार के प्रत्याशी सतीश कुमार गौतम के चुनाव में पार्टी विरोधी कार्य करने और विरोधी प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार और समर्थन करने का आरोप 4 पदाधिकारियों पर लगा है. इनमें भाजपा जिला उपाध्यक्ष धर्मेंद्र चौधरी, पूर्व जिला उपाध्यक्ष दीपक शर्मा उर्फ अन्नू आजाद, जिला कार्यालय मंत्री अमित चौधरी, जट्टारी से पूर्व चेयरमैन प्रत्याशी मनवीर चौधरी शामिल हैं.

जारी किया गया पत्र.

इन सभी पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है. वहीं, भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी कृष्ण पाल सिंह लाला प्रधान ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर भारतीय जनता पार्टी से चार पदाधिकारियों को 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है. इसको लेकर निष्कासन पत्र भी जारी किया है. अलीगढ़ में दूसरे चरण में मतदान हुआ था. 2019 लोक सभा चुनाव के मुकाबले 2024 में करीब 5 फीसदी कम मतदान रहा, अलीगढ़ में 56.62 प्रतिशत मतदान हुआ.

2014 व 2019 में भाजपा के प्रत्याशी सतीश गौतम ने भारी अंतरों से जीत दर्ज की थी. वहीं, इस बार वोटिंग परसेंटेज कम होने से रोचक मुकाबला देखने को मिल रहा है. कई बूथ पर इंडिया गठबंधन और भाजपा के साथ बसपा में त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है. इस चुनाव में तीसरी बार सतीश गौतम को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध था. वहीं, पार्टी के अंदर पदाधिकारियों में उदासीनता दिखाई और वह विपक्षी खेमे को मदद करते हुए देखे गए. इसके बाद भाजपा संगठन के चार पदाधिकारी को छह साल के लिए निष्कासन की कार्रवाई की गई है.

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