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कोयलीबेड़ा नक्सल एनकाउंटर केस में कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल से की मुलाकात, हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराने की मांग

Koyalibera Naxalite encounter case: कांकेर में कोयलीबेड़ा नक्सली मुठभेड़ मामले में कांग्रेस जांच टीम ने बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात की है. इस दौरान पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा कि, "फर्जी मुठभेड़ में निर्दोषों को मारा गया है.". कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल से इस केस में जांच कराने की मांग की है.

Koyalibera Naxalite encounter case
कोयलीबेड़ा नक्सली मुठभेड़

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 6, 2024, 4:32 PM IST

Updated : Mar 6, 2024, 7:25 PM IST

कांग्रेस जांच टीम राज्यपाल से मिली

रायपुर: कांकेर में 25 फरवरी को हुए कोयलीबेड़ा नक्सली मुठभेड़ की जांच को लेकर कांग्रेस जांच दल बुधवार को राज्यपाल से मिलने पहुंचा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित प्रतिनिधि मंडल ने राजपाल विश्वभूषण हरिचंदनसे मुलाकात की. मुलाकात के बाद छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से बातचीत की. मीडीया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि" हमारा जांच दल कोयलीबेड़ा गया था. नक्सल एनकाउंटर को लेकर हमने गांववालों से बातचीत की है. हमने उनको जानकारी दी है कि यह फेक एनकाउंटर था."

फर्जी मुठभेड़ में निर्दोषों को मारने का आरोप: राज्यपाल से बातचीत के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने मीडियाकर्मियों से बातचीत की. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, " 25 फरवरी को हुए मुठभेड़ में गांव के तीन युवकों को जवानों ने मार दिया. मुठभेड़ में मारे गए तीनों मृतक लकड़ी लेने जंगल गए थे. तीनों को नक्सली समझकर गोली मार दी गई. इस फर्जी मुठभेड़ को सही साबित करने का प्रयास किया जा रहा है. तीनों मृतक मनरेगा मजदूर थे और उनके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड जैसे दस्तावेज भी थे. तीनों को मारकर फर्जी एनकाउंटर किया गया है, इसलिए कांग्रेस ने जांच कमेटी का गठन किया है. कांग्रेस का जांच दल कोयलीबेड़ा पहुंचा और ग्रामीणों से मुलाकात की. इस दौरान पता चला कि वे खेती किसानी करने वाले आदिवासी हैं. हमने हाईकोर्ट के सिटिंग जज से इस केस की जांच कराने की मांग की है.

क्या हुआ था घटना वाले दिन:25 फरवरी की सुबह 8 बजे एनकाउंटर हुआ था. मुठभेड़ के बाद जवानों की टीम मारे गए नक्सलियों के शव को लेकर जिला पुलिस मुख्यालय पहुंची. घटना वाले दिन किसी ने कुछ नहीं कहा. सोमवार 26 फरवरी को मृतकों के परिजन ग्रामीणों के साथ थाने पहुंचे. साथ ही ये दावा किया कि मारे गए लोग नक्सली नहीं ग्रामीण थे. ग्रामीणों ने पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का भी आरोप लगाया. आरोप लगाने के दो दिन बाद यानि कि 28 फरवरी को ग्रामीण कलेक्टर और एसपी के पास पहुंचे. ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई कि फर्जी मुठभेड़ में ग्रामीणों को मारा गया है. अफसरों के पास जब ग्रामीण शिकायत करने पहुंचे तो गवाह भी अपने साथ लेकर पहुंचे. ग्रामीणों का कहना था कि गांव के दो लोग इस बात की गवाही दे रहे हैं कि मुठभेड़ फर्जी था.

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Last Updated : Mar 6, 2024, 7:25 PM IST

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