रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या कई दशकों से चली आ रही है. प्रदेश में न जाने कितनी सरकारें गई और आई लेकिन माओवाद की समस्या का समाधान नहीं हो सका है. यहां बंदूक की गोली से दोनों तरफ मौतें हो रही है. एक तरफ नक्सलियों की गोली से सुरक्षाकर्मी मारे जा रहे हैं तो दूसरी तरफ सुरक्षाकर्मियों की गोली से नक्सलियों की मौत हो रही है. कई बार नक्सल समस्या के समाधान को लेकर वार्ता को लेकर खबरें आई. लेकिन यह सिर्फ खबरें ही बनकर रह गई. ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में अब तक कौन कौन से बड़े नक्सल एनकाउंटर हुए हैं.
छत्तीसगढ़ में अब तक के बड़े नक्सल मुठभेड़, जब सुरक्षाबलों के ऑपरेशन से कांपे नक्सली - Maoist encounters in Chhattisgarh
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Mar 27, 2024, 10:42 PM IST
|Updated : Apr 2, 2024, 1:31 PM IST
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों ने बड़ा नक्सल ऑपरेशन किया. आठ नक्सली मुठभेड़ में ढेर हुए हैं. 27 मार्च को भी बासागुड़ा ट्रिपल मर्डर कांड में शामिल नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था. इस एनकाउंटर में भी दो महिला नक्सली और चार पुरुष नक्सली मारे गए. जिसमें नक्सली कमांडर नागेश भी शामिल था.
छत्तीसगढ़ में हुए बड़े नक्सल ऑपरेशन:
- 7 फरवरी 2024: बीजापुर में चार नक्सली ढेर
- 3 फरवरी 2024: नारायणपुर में दो नक्सली मारे गए.
- 24 दिसंबर 2023: दंतेवाड़ा सुकमा सीमा पर तीन नक्सलियों का एनकाउंटर.
- 21 अक्टूबर 2023: कांकेर के कोयलीबेड़ा में दो नक्सली ढेर.
- 20 सितंबर 2023: दंतेवाड़ा में दो महिला नक्सली मारी गई.
- 23 दिसंबर 2022: बीजापुर और महाराष्ट्र के सरहदी इलाके में दो नक्सली ढेर.
- 20 दिसंबर 2022: बीजापुर के तिमेनार के जंगल में एक माओवादी ढेर.
- 26 नवंबर 2022: बीजापुर में दो महिला नक्सली सहित 4 माओवादी ढेर.
- 15 नवंबर 2021: नारायणपुर में 10 लाख का इनामी नक्सली कमांडर ढेर.
- 31 अक्टूबर 2022: कांकेर के सिकसोड इलाके में दो माओवादी मारे गए.
- तीन अगस्त 2019: राजनांदगांव महाराष्ट्र बॉर्डर पर मुठभेड़ में सात नक्सली ढेर.
- 27 नवंबर 2014: सुकमा में 15 नक्सली ढेर, 25 नक्सली घायल हुए.
- 16 अप्रैल 2013: बस्तर में 10 माओवादी ढेर हुए.
- 29 जून 2012: दंतेवाड़ा के जंगलों में एक महिला नक्सली समेत 20 नक्सली मारे गए.
- 10 जुलाई 2007: दंतेवाड़ा कें जंगलों में 20 माओवादी मारे गए.
बस्तर में कब खत्म होगी हिंसा: साल 2017 से 2024 तक छत्तीसगढ़ में हुए बड़े नक्सल ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने सैकड़ों नक्सलियों को मार गिराया है. दूसरी तरफ नक्सली हमले में हमारे जवान भी नक्सलियों को करारा जवाब देते हुए शहीद हुए हैं. इस तरह दोनों तरफ की लड़ाई का खात्मा होना जरूरी है क्योंकि इन सब में बस्तर की जनता पिस रही है.