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मांझियों का गढ़ रहा है गया, इस बार RJD ने सर्वजीत को मैदान में उतारा, क्या जीतन राम की नैया होगी पार? जानें पूरा समीकरण - GAYA LOK SABHA SEAT

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 29, 2024, 6:06 AM IST

Updated : Apr 18, 2024, 1:01 PM IST

Gaya constituency, Bihar Lok sabha election 2024, Date of Voting, Counting and Result date: लोकसभा के लिए पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान है. चुनाव आयोग की तैयारियां अंतिम चरण में है. बिहार के गया सीट पर भी पहले चरण में मतदान होगा. यहां मुख्य मुकाबला एनडीए उम्मीदवार जीतन राम मांझी और इंडिया अलायंस प्रत्याशी कुमार सर्वजीत के बीच है.

गया लोकसभा सीट
गया लोकसभा सीट

देखें रिपोर्ट

गया: बिहार की सुरक्षित गया सीट पर जीतन राम मांझी (HAM) और आरजेडी से कुमार सर्वजीत ताल ठोक रहे हैं. गया में AIMIM ने भी अपना उम्मीदवार रंजन पासवान को मैदान में उतारा था लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला और उन्होंने निर्दलीय ही पर्चा भर दिया.

NDA Vs महागठबंधन में मुकाबला: इस सीट का मुकाबला काफी रोचक हो गया है. एनडीए उम्मीदवार मांझी के सामने कुमार सर्वजीत हैं. कुमार सर्वजीत के पिता ने 33 साल पहले मांझी को चारों खाने चित किया था.

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मांझी को सर्वजीत देंगे टक्कर: 1991 में राजेश कुमार ने मांझी को हराया था, तब से लेकर अबतक वो लोकसभा चुनाव नहीं जीत पाए. लेकिन इस बार परिस्थियां बदल गई हैं. मांझी के विरोझी अब उनके सपोर्ट में हैं. विजय मांझी अब जीतन राम मांझी के समर्थन में मैदान में उतर गए हैं.

4 जून को आएंगे नतीजे: बिहार में सात चरणों में मतदान होना है. पहले चरण में 19 अप्रैल को गया में भी मतदान ह. 4 जून को नतीजों का ऐलान होगा.

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सभी पार्टियों ने जीता है गया: गया लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर 5 बार कांग्रेस अपना परचम लहरा चुकी है. बीजेपी के पाले में गया सीट 4 बार जा चुकी है. वहीं एक बार राजद, एक बार भारतीय जनसंघ और एक बार जेडीयू का उम्मीदवार जीत चुका है. गया लोकसभा के अंतर्गत छह विधानसभा आते हैं, जिसमें बोधगया, बेलागंज, शेरघाटी, गया शहर, वजीरगंज, बाराचट्टी शामिल है. गया लोकसभा अंतर्गत तीन विधानसभा की सीटों पर राजद, दो पर भाजपा और एक पर हम का कब्जा है.

गया में मतदाता की संख्या : गया लोकसभा संसदीय क्षेत्र 2019 की बात करें, तो यहां मतदाताओं की संख्या 16 लाख 98 हजार 772 थी, लेकिन अब यह संख्या 1 लाख 4 हजार 972 बढी है. जनवरी 2024 में अब तक कुल मतदाताओं की संख्या 18 लाख 3 हजार 744 है, जिसमें 9 लाख 36 हजार 997 पुरुष और 8 लाख 66 हजार 721 महिलाएं तथा 26 अन्य हैं.

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गया लोकसभा का अस्तित्व : गया लोकसभा आजादी के बाद से अस्तित्व में है. अब तक 17 बार चुनाव हुए हैं. पिछले तीन लोकसभा में एनडीए का कब्जा रहा है. भाजपा ने 2019 में यह सीट एनडीए का हिस्सा रहे जदयू के खाते में दी थी. इस बार एनडीए ने यह सीट (हम) को दी है. जीतन राम मांझी एनडीए के उम्मीदवार हैं और आरजेडी से कुमार सर्वजीत. पहली बार ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम भी इस चुनाव में अपना दांव लगा रही है.

मांझी जाति का गढ़ : गया लोकसभा सीट पर पिछले 25 सालों से लगातार मांझियों का कब्जा है. यहां समीकरण सटीक नहीं बैठते. यही वजह है, कि अलग-अलग पार्टियां जीत दर्ज करती हैं. वैसे राजद का माई समीकरण असरदार होता है, लेकिन जिताउ नहीं बन पाता. यहां किसी दल के लिए समीकरण की बात करें, तो मुख्य रूप से मांझियों का वोट जिस पार्टी को सर्वाधिक जाता है, वही जीतता रहा है. यहां सबसे ज्यादा यादव वोटर हैं.

गया में जातिगत समीकरण: गया लोकसभा सीट में सबसे ज्यादा यादव मतदाताओं की तादाद है, जो की 15% है. इसके बाद मांझियों का वोट है, जो कि 14.5% है. यहां कुर्मी कुशवाहा, वैश्य, ब्राह्मण, राजपूत, पासवान वोट चुनाव में निर्णायक साबित होते हैं. पिछले चुनाव के आंकड़े के अनुसार यादव वोटों की संख्या ढाई लाख के करीब है. वहीं, वैश्य वोट की संख्या 2 लाख है. महादलित वोटरों की भी संख्या ढाई लाख के आसपास है. मुस्लिम वोट 10% के आसपास हैं. भूमिहार और राजपूत वोटरों को मिलकर भी यह संख्या ढाई लाख के आसपास बताई जाती है.

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गया की लोकसभा सीट: इस सीट पर 1998 से एनडीए हावी रहा है. सिर्फ एक बार राजद ने जीत दर्ज की है. एनडीए गठबंधन की जनता में अच्छी पकड़ है, लेकिन राजद की पकड़ भी मजबूत है. 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के हरि मांझी ने जीत दर्ज की थी. इन्होंने राजद के रामजी मांझी को हराया था. 2014 के चुनाव में भाजपा से हरि मांझी फिर जीते थे. इन्होंने राजद के रामजी मांझी और जीतन राम मांझी को हराया था.

गया लोकसभा का समीकरण: 2019 में एनडीए प्रत्याशी के तौर पर जदयू ने दांव खेला और विजय मांझी चुनाव जीते. इस चुनाव में जीतन राम मांझी भी मैदान में थे. 2014 में गया लोकसभा सीट बीजेपी के हरि मांझी ने जीती थी. हरि मांझी को तीन लाख 26 हजार 230 मत मिले, जो कुल पड़े मतों का 40% रहा. वहीं, निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के रामजी मांझी को दो लाख दस हजार 726 वोट मिले, इसका प्रतिशत कुल पड़े वोटों का 26 प्रतिशत के करीब रहा. तीसरे नंबर पर जदयू के उम्मीदवार जीतन राम मांंझी रहे. इन्हें 1 लाख 31 हजार 828 वोट मिले, जो कि कुल वोटों का करीब 16% था.

2019 के प्रतिशत में नतीजे : 2019 में विजय मांझी जदयू प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे. विजय मांझी को 48.79 प्रतिशत मतों के साथ कुल 4 लाख 67 हजार सात मत प्राप्त हुए. वहीं हम के जीतन मांझी को 3 लाख 14 हजार 581 वोट मिले, जो की 32.86% थे. बड़ी बात यह थी, कि इस चुनाव में तीसरे नंबर पर नोटा रहा था. नोटा में पड़े वोटों की संख्या 30 हजार से भी ज्यादा थी. 6 बार से अधिक विधायक से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री बन चुके जीतन राम मांझी अब तक लोकसभा का चुनाव जीतने में विफल रहे हैं.

उद्योग धंधों की स्थिति: बिहार के गया लोकसभा का दुर्भाग्य रहा कि यह कभी उद्योग धंधों का केंद्र नहीं बन पाया. गया पर्यटन की दृष्टि से देश ही नहीं बल्कि विश्व के फलक पर ख्याति प्राप्त है. यह धार्मिक नगरी के रूप में जानी जाती है. इस शहर का अस्तित्व काफी पुराना है. यहां के लोगों की कमाई का मुख्य स्रोत खेती है. नक्सली घटनाओं के चलते यह क्षेत्र काफी पिछड़ा रहा. लेकिन अब धीरे-धीरे गया विकास की ओर आगे सरक रहा है.

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Last Updated : Apr 18, 2024, 1:01 PM IST

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