करनाल:सीएम सिटी करनाल में धान घोटाले से हड़कंप मच गया है. तरवाड़ी कस्बे में सीएम फ्लाइंग व खाद्य आपूर्ति विभाग की टीम ने छापेमारी कर धान घोटाले का भंडाफोड़ किया है. टीम द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन में पत्ता चला है कि सरकार द्वारा अलाट साढ़े 15 हजार क्विंटल धान में से 8,499 क्विंटल धान कम पाया गया. धान की कीमत करीब दो करोड़ बताई जा रही है. DFSC विभाग ने AFSO द्वारा तरावड़ी थाना में मिल मालिकों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है.
सरकार को कम धान की वापस: गौरतलब है कि सीएम फ्लाइंग व डीएफएससी की टीम 7 फरवरी को पहली छापेमारी में तरावड़ी की टीवी फूड में भौतिक निरीक्षण के लिए पहुंची थी. फिजिकल वेरिफिकेशन में डीएफसी के मुताबिक इस मिल को साल 2023-24 धान सीजन के दौरान 34806.37 क्विंटल धान मिलिंग के लिए दी गई थी. इस धान में से 15500 क्विंटल पेड़ी इंचार्ज को सूचना देने के बाद सुखाई व कुटाई के लिए गांव सग्गा स्थित देव इंडस्ट्रीज को भेजी गई थी. बकाया धान में से सरकार को वापस दिए गए धान का स्टॉक चेक किया तो 1832 क्विंटल कम पाई गई थी.
जांच में हुआ खुलासा: दूसरे दिन 8 फरवरी को सीएम फ्लाइंग की टीम गांव सग्गा में देव इंडस्ट्री पर पहुंची. जहां पीवी फ़ूड तरावड़ी के मुनीम दिनेश कुमार ने बताया कि यह परिसर और मशीन देव इंडस्ट्रीज का ही है. पीवी फूड के मालिक पूर्ण चंद्र तरावड़ी के रहने वाले हैं और दूसरे मलिक कृष्णपाल पानीपत में सनौली के रहने वाले हैं. पूर्ण चंद बीमार है जबकि दूसरा बाहर गया हुआ है.