जयपुर.दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज द्वारा परिवादी से रिश्वत मांगने के मामले में अब एसीबी के एएसपी पर गाज गिरी है. एएसपी रैंक के आरपीएस अधिकारी सुरेंद्र सिंह को एपीओ किया गया है. इस संबंध में गृह (ग्रुप-1) विभाग ने सोमवार को आदेश जारी किए हैं. बता दें कि दूदू जिला कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज द्वारा जमीन कन्वर्जन के मामले में हुई शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने के एवज में एसीबी ने मुकदमा दर्ज कर 26 अप्रैल की रात को दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज के ठिकानों पर सर्च की कार्रवाई की थी. इसके बाद हनुमान मल ढाका (आईपीएस) को एपीओ कर दिया गया था. अब इस मामले की जांच कर रहे एसीबी के एएसपी सुरेंद्र सिंह को एपीओ किया गया है.
दरअसल, गृह (ग्रुप-1) विभाग की संयुक्त सचिव कश्मी कौर ने आज आदेश जारी कर आरपीएस अधिकारी (एएसपी, एसीबी) सुरेंद्र सिंह को पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में (एपीओ) किया गया है. इस अवधि में उनका मुख्यालय पुलिस मुख्यालय, जयपुर रहेगा.
इसे भी पढ़ें -भ्रष्टाचार के मामले में दूदू कलेक्टर एपीओ, एसीबी ने फाइलों को किया जब्त, हनुमान मल ढाका से होगी पूछताछ - Dudu Collector APO
शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने के बदले मांगी घूस :एसीबी की ओर से दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, परिवादी की 204 बीघा जमीन के कन्वर्जन को लेकर आई शिकायतों पर कार्रवाई नहीं करने की एवज में दूदू पटवारी हंसराज के जरिए कलेक्टर हनुमान मल ढाका ने 25 लाख रुपए रिश्वत मांगी. परिवादी की शिकायत पर एसीबी ने सत्यापन की कार्रवाई करवाई. पहले हनुमानमल ढाका ने 25 लाख रुपए की रिश्वत मांगी. बाद में सौदा 15 लाख रुपए में तय हुआ. यह राशि दो किस्तों में देनी तय हुई.
इस मामले में एसीबी की टीम ने 26 अप्रैल की रात को दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज चौधरी के ठिकानों पर तलाशी ली. एसीबी की टीमों ने कलेक्टर हनुमानमल ढाका के निवास स्थान (दूदू डाक बंगला) और दूदू तहसील कार्यालय में तलाशी ली थी. यह सर्च की कार्रवाई भी एएसपी (जयपुर नगर द्वितीय) सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में की गई थी. इस संबंध में एसीबी में दर्ज मुकदमे की जांच भी सुरेंद्र सिंह को ही सौंपी गई थी.
इसे भी पढ़ें -कलेक्टर व पटवारी पर बड़ी कार्रवाई, जमीन के कन्वर्जन के लिए मांगी लाखों की रिश्वत - ACB Action Against Collector
पटवारी ने परिवादी से मांगी थी माफी :इस मामले में परिवादी को घूस की पहली किस्त 7.50 लाख रुपए देने के लिए रुपए की व्यवस्था करनी थी. जिसमें समय लग गया. इस बीच हनुमानमल ढाका को एसीबी पीछे लगे होने का आभास हो गया. इसके बाद पटवारी हंसराज एक अन्य व्यक्ति के साथ परिवादी के घर गया और पूरे मामले को लेकर माफी मांगी. इसके बाद से लगातार यह सवाल उठ रहे थे कि हनुमानमल ढाका के खिलाफ एक्शन को लेकर एसीबी से जानकारी लीक हुई होगी.