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पात्र-अपात्र कॉलेजों के नर्सिंग स्टूडेंट्स को परीक्षा देने का अंतिम मौका, हाईकोर्ट का अहम आदेश

Mp highcourt order for nursing students : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि पात्र-अपात्र और डिफिशिएंट सभी किस्म के कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं अब परीक्षा दे सकेंगे लेकिन ये अंतिम मौका होगा.

Mp highcourt order for nursing students
नर्सिंग छात्र-छात्राओं के लिए हाईकोर्ट का अहम आदेश

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 18, 2024, 10:49 PM IST

Updated : Mar 19, 2024, 12:19 PM IST

नर्सिंग छात्र-छात्राओं के लिए हाईकोर्ट का अहम आदेश

जबलपुर।लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं को लेकर अपना निर्णय सुना दिया है. आदेश के मुताबिक हाईकोर्ट ने सभी पात्र और अपात्र नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं को परीक्षा में बैठने का मौका दिया है. हालांकि, इसमें यह कहा गया है कि यह अंतिम मौका होगा, यदि इस परीक्षा में परीक्षार्थी सही ढंग से पेपर कर पाता है तो ही वह नर्सिंग की आगे की पढ़ाई में शामिल होगा अन्यथा उसकी पढ़ाई खत्म मानी जाएगी. ये 11 मार्च की सुनवाई का अंतरिम आदेश है, जिसे संशोधित करके हाईकोर्ट ने दोबारा जारी किया है.

20 हजार स्टूडेंट्स को फायदा

इस फैसले के आने के बाद 2020 से लगातार परीक्षा का इंतजार कर रहे नर्सिंग पाठ्यक्रम के हजारों छात्र-छात्राओं को फायदा मिलेगा. सबसे ज्यादा फायदा अपात्र कॉलेजों के स्टूडेंट्स को होगा. जिनकी संख्या 20 हजार के आसपास बताई जा रही है. दरअसल, कोरोना काल के ठीक बाद मान्यता देने वाली कई संस्थाओं ने फर्जी तरीके से एक-एक कमरे में चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को अनुमति दे दी थी. जब यह मामला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट पहुंचा तो मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. सीबीआई जांच के बाद कई कॉलेजों को पात्र घोषित किया गया था, तो कुछ कॉलेज ऐसे थे जिन्हें डिफिशिएंट माना गया था. यानी नर्सिंग की पढ़ाई के लिए जरूरी सुविधा के अभाव वाले कॉलेज.

खतरे में पड़ गया था छात्र-छात्राओं का भविष्य

कोर्ट ने डिफिशिएंट यानि सुविधाविहीन कॉलेजों से कहा था कि डिफिशिएंसी पूरी कर लें और उसके बाद पढ़ाई जारी रखें. वहीं कुछ कॉलेजों को अपात्र ही घोषित कर दिया था. कॉलेज को अपात्र घोषित करने की वजह से एक बड़ा संकट यह खड़ा हुआ कि इसमें पढ़ाई करने वाले हजारों छात्र-छात्राओं का भविष्य खतरे में पड़ गया था. हालांकि, इसमें उनकी गलती नहीं थी इसलिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अपने आदेश को संशोधित किया है और सभी छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने का एक अवसर दिया है.

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2023-24 के सत्र को लेकर सरकार करे फैसला

इस परीक्षा का आयोजन मध्य प्रदेश की मेडिकल यूनिवर्सिटी को करवाना है. यह मेडिकल यूनिवर्सिटी भी जबलपुर में ही है और बीते कई दिनों से यहां पर नर्सिंग पाठ्यक्रम में एडमिशन लेकर फंसे हुए छात्र-छात्राओं ने जमकर आंदोलन किया था. अब इन छात्र-छात्राओं को हाईकोर्ट ने एक सुविधा दी है, यदि इसमें भी खरे उतरते हैं तो उनके आगे का भविष्य सुरक्षित रहेगा. 2023-24 के सत्र को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि राज्य सरकार ही अब इस मामले में फैसला करें.

मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में नर्सिंग मामले में पैरवी कर रहे ए़डवोकेट विशाल बघेल ने बताया कि"हाईकोर्ट ने नर्सिंग परीक्षाओं को लेकर एक बड़ा आदेश जारी किया है. दरअसल, ये 11 मार्च की सुनवाई का अंतरिम आदेश है, जिसे संशोधित करके हाईकोर्ट ने दोबारा जारी किया है. इसके तहत हाईकोर्ट ने डिफिशिएंट और अपात्र सभी नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं को परीक्षा में बैठने का मौका दिया है".

Last Updated : Mar 19, 2024, 12:19 PM IST

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