कैबिनेट मंत्री चंद्र कुमार का बयान शिमला:हिमाचल का सियासी मौसम पल-पल बदल रहा है. सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल फिर से घिर-घिर आ रहे हैं. शुक्रवार शाम को चार बजे कैबिनेट मीटिंग रखी गई थी. सीएम सुक्खू दिन में कसौली गए थे. वहां जनसभा में सीएम ने छह विधायकों की बगावत पर इतना तीखा हमला किया कि उन्होंने सभी को काला नाग कह दिया. साथ ही कहा कि उन्होंने कांग्रेस को डसा है.
खैर, पांच मंत्री कैबिनेट के लिए सचिवालय में थे कि अचानक कैबिनेट स्थगित कर दी गई. सीएम ने सभी मंत्रियों को विधानसभा बुला लिया. खबर लिखे जाने तक सीएम व कैबिनेट मंत्री विधानसभा परिसर में ही थे. वे स्पीकर के साथ किसी मसले पर चर्चा कर रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि हिमाचल में सियासी संकट जारी है. विक्रमादित्य सिंह दिल्ली में हैं और वे वहां पर कई नेताओं से मिल सकते हैं. वे पार्टी मुखिया मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात कर सकते हैं.
विक्रमादित्य सिंह वैसे तो केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के साथ मीटिंग के लिए गए हैं, लेकिन साथ ही वे सियासी मुलाकातें कर सकते हैं. क्या विक्रमादित्य सिंह दिल्ली में कोई नई सियासी घटना को जन्म देंगे? ये देखना होगा. इधर, इस बीच सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने एक साथ शुक्रवार को कई फैसले लिए. ट्रांसफर पर से बैन हटाया है. मार्च की 2 तारीख से लेकर 31 मार्च तक कैबिनेट मंत्री तबादले कर सकेंगे. ये तबादले ग्रुप सी व ग्रुप डी कर्मियों के होंगे. हालांकि ये देखने वाली बात है कि इसी दौरान यदि आचार संहिता लग जाए तो क्या होगा?.
उल्लेखनीय है कि हिमाचल में अचानक से एक सियासी हलचल मची. चालीस विधायकों के साथ प्रचंड बहुमत वाली सरकार ने राज्यसभा सीट खो दी. उसके बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले छह विधायकों को विधानसभा स्पीकर ने अयोग्य घोषित करने वाला फैसला सुनाया. फिर कांग्रेस हाईकमान ने पर्यवेक्षक हिमाचल भेजे. उन्होंने किसी तरह से संकट सुलझाया, लेकिन अब फिर से नई हलचल मची है. इस समय सारा फोकस विधानसभा में हो रही मीटिंग पर है. उसके बाद सीएम सुक्खू मीडिया से बात कर सकते हैं. अभी आने वाले समय में हिमाचल की सियासत शांत होती नहीं दिखाई दे रही.
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