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डीए एरियर बकाया सहित अन्य मांगों को लेकर पेंशनरों ने किया प्रदर्शन, सुक्खू सरकार पर लगाए आरोप

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 12, 2024, 7:46 PM IST

हिमाचल प्रदेश में पेंशनरों ने डीए एरियर भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर सुक्खू सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान अलग-अलग जिले में पेंशनरों ने जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम सुक्खू को ज्ञापन भेज अपनी मांगों को जल्द पूरा करने को कहा.

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ऊना:हिमाचल प्रदेश में पेंशनर लंबे समय से लंबित चल रहे वित्तीय लाभ नहीं मिलने से नाराज हैं, इसको लेकर उन्होंने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. ऊना में पेंशनर्स अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे. पेंशनर्स ने प्रदेश सरकार से अपने अधिकार जल्द देने की मांग की. ऊना जिला मुख्यालय के म्युनिसिपल कमेटी पार्क में आयोजित की गई बैठक के दौरान पेंशनरों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

ऊना जिला मुख्यालय के म्युनिसिपल कमेटी पार्क में पेंशनरों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ हल्ला बोलते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान पेंशनरों ने कहा लंबे समय से बुजुर्ग अपने वित्तीय लाभ लेने के लिए सरकार के समक्ष शांतिपूर्वक तरीके से आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी आवाज को हमेशा अनसुना कर रही है. अब सरकार की इस प्रकार की कार्यप्रणाली को सहन नहीं किया जाएगा. वहीं, बैठक शुरू होने के बाद सभी पेंशनरों ने 2 मिनट का मौन रखते हुए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की स्वर्गीय पत्नी डॉ. सिम्मी अग्निहोत्री को श्रद्धांजलि दी.

पेंशनर्स संघ के जिला अध्यक्ष हरमेश सिंह राणा ने कहा हिमाचल में 2016 से 2022 तक सेवानिवृत हुए कई कर्मचारियों के लाखों रुपए के वित्तीय लाभ सरकार के पास पेंडिंग पड़े हैं. कई बार आवाज उठाने के बावजूद सरकार इस मांग को अनसुना कर रही है. उसी का नतीजा है कि आज केवल मात्र ऊना जिला में ही नहीं, बल्कि प्रदेश इकाई के आह्वान पर हर जिला मुख्यालय पर पेंशनरों को सड़क पर उतरना पड़ा है. उन्होंने कहा 2016 से पहले सेवानिवृत हुए कर्मचारियों को संशोधित पेंशन अभी तक नहीं मिल पाई है और उसके लिए भी लगातार यह वर्ग सरकार के समक्ष गिड़गिड़ाता रहा है.

उन्होंने कहा छठे वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर जो वित्तीय लाभ पेंशनरों को मिलने चाहिए थे, उनमें से भी अभी तक केवल 20 फीसदी पेंशनरों को मिल सका है. जबकि उसमें से भी 80% सरकार के पास पड़ा है. पेंशनरों की सबसे बड़ी समस्या मेडिकल बिल भी है, जो तुरंत स्वीकृत होकर पेंशनरों को राशि जारी होनी चाहिए. उसमें भी सरकार ने ढुलमुल रवैया अपना कर पेंशनरों को उन्हीं के हाल पर छोड़ दिया है. ऐसे में अपने हक के लिए उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर होना ही पड़ेगा.

कुल्लू में भी पेंशनरों का प्रदर्शन: वहीं, कुल्लू में भी पेंशनर अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे. जिला मुख्यालय ढालपुर में सिविल पेंशनर और सोशल वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया और डीसी के माध्यम से प्रदेश सरकार को एक ज्ञापन भेजा गया. संगठन के अध्यक्ष सेस राम ठाकुर ने बताया कि इससे पहले भी सरकार के समक्ष पेंशन और संघ ने मांगे रखी थी, लेकिन अभी तक उस पर कोई गौर नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि उन्हें छठे वेतन आयोग के एरियर के साथ-साथ लंबित 12% डीए किस्तों का भुगतान नहीं किया जा रहा है. विशेष रूप से साल 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए पेंशनभोगियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि पेंशन में संशोधन के संबंध में एजीएचपी शिमला की मंजूरी के बाद भी उन्हें वित्त विभाग की अधिसूचना के अनुसार अवकाश नकदीकरण, ग्रेच्युटी और कम्युटेशन आदि की राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

ऐसे में पेंशनर संघ प्रदेश सरकार से मांग करता है कि छठे वेतन आयोग के बकाए का एकमुश्त भुगतान और 12% डीए किस्त, साल 2016 के बाद सेवानिवृत्त पेंशन भोगियों की पेंशन में संशोधन के कारण बकाया जो 90% मामलों को एजीएचपी शिमला द्वारा मंजूरी दे दी गई है, लेकिन सरकार द्वारा उनके बकाए का भुगतान नहीं किया जा रहा है. उसे जल्द जारी किया जाए. सेस राम ठाकुर ने कहा कि पेंशनरों को लंबित भारी भरकम मेडिकल बिलों को निपटाने के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जाए और शिमला में सभी लंबित मांगों को सुलझाने, चर्चा करने और हल करने के लिए जेसीसीओ पेंशनरों की बैठक जल्द ही बुलाई जाएगी.

कांगड़ा में पेंशनरों का प्रदर्शन:इसके अलावा कांगड़ा में पेंशनर्स वेल्फेयर एसोसिएशन और अन्य पेंशनर्स संगठनों ने धर्मशाला में अपनी मांगों के समर्थन में रैली निकालकर सरकार को जिला प्रशासन के माध्यम से ज्ञापन भेजा. एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने कहा कि विभिन्न पेंशनर्स संघों के सहयोग से रैली निकाली गई है. जिला प्रशासन के माध्यम से सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू को ज्ञापन भेजा गया है. सुरेश ठाकुर ने कहा कि 6वें वेतन आयोग, जिसे जनवरी 2016 से लागू किया जाना है. उसके रिवाइजड पे स्केल में वित्तीय लाभ जो पेंशनर्स को मिलने हैं, उन्हें प्रदेश सरकार नहीं दे रही है. 1 जनवरी 2016 से वर्ष 2022 तक के एरियर सरकार ने रोक रखे हैं. वित्तीय संकट का हवाला देते हुए सरकार द्वारा पेंशनर्स की मांगों की अनदेखी की जा रही है. इसी के चलते जिला भर के पेंशनर्स धर्मशाला में एकत्रित हुए हैं. डीए की सरकार ने 3 किस्तें रोक रखी हैं. 12 फीसदी डीए पेंशनर्स का देय है.

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