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'खतरनाक' सड़क : हाईटेंशन विद्युत टावर को हटाए बिना ही बना दिया हाईवे, हादसे का डर

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 1, 2024, 7:16 AM IST

कपूरड़ी-जालीपा में नेशनल हाईवे 68 पर हाईवे निर्माण कंपनी ने हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटाए बिना ही हाईवे बना दिया है. हाईवे के बीचों-बीच हाईटेंशन विद्युत टावर होने के चलते सड़क से गुजरने वाले राहगीरों और वाहनों को हर वक्त हादसे का डर सताता है.

High Tension Power Line on Highway
सड़क के बीच विद्युत टावर

सड़क के बीच विद्युत टावर

बाड़मेर. नेशनल हाइवे 68 जो बाड़मेर और जैसलमेर दो बड़े जिलों को जोड़ता है, इन दिनों चर्चा में है. हाईवे के बीचों-बीच एक हाईटेंशन टावर को हटाया भी नहीं गया और हाईवे बना दिया गया, जिससे यहां से गुजरने वाला हर शख्स हैरान है. जिले में कपूरड़ी-जालीपा में नेशनल हाईवे 68 पर हाईवे निर्माण कंपनी ने हाईटेंशन विद्युत लाइन को हटाए बिना ही हाईवे बना दिया है. हाईवे के बीचों-बीच हाईटेंशन विद्युत टावर होने के चलते सड़क से गुजरने वाले राहगीरों और वाहनों को हर वक्त हादसे का डर सताता है.

अप्रूवल आने पर हटा दिया जाएगा : पीडब्ल्यूडी एक्सईएन इन्द्र प्रकाश ने बताया कि हाई टेंशन विद्युत लाइन को हटाने के लिए एप्लिकेशन भेजा गया है. संबंधित विभाग से अप्रूवल आने के बाद शटडाउन लेने के बाद इन्हें हटाने की कार्रवाई की जाएगी. सड़क को दोनों साइड से ब्लॉक कर दिया गया है, ताकि साइड से वाहनों का आवागमन हो सके. पहले भी ब्लॉक किया गया था, लेकिन किसी ने हटा दिया था. ऐसा फिर से कर दिया गया है, ताकि साइड से होकर वाहन जाए. करीब 15-20 दिन में विद्युत प्रसारण की ओर से अप्रूवल आने के बाद विद्युत की हाईटेंशन तारों को हटाने की कार्रवाई की जाएगी.

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दरअसल, जिले में कपूरड़ी-जालीपा लिग्नाइट परियोजना के लिए जमीन अवाप्ति के दौरान भाडखा से जालीपा तक करीब 20 किमी हाईवे खनन इलाके के बीच आ जाने के बाद अब इस हाईवे को कोयला खनन से हाल ही में शिफ्ट किया गया है. बाड़मेर-जैसलमेर जिले को जोड़ने वाले हाईवे नेशनल हाईवे 68 की सड़क को एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. करीब 160 करोड़ की लागत से 28 किमी. हाईवे का निर्माण करवाया गया है. इस दौरान हाईटेंशन पावर लाइन का विद्युत टावर हाईवे के बीचों-बीच आ गया, लेकिन ठेकेदार ने 132 केवी हाईटेंशन लाइन को हटाए बगैर ही हाईवे का निर्माण कर दिया. सड़क निर्माण होने के बाद अब इस टावर के नीचे से वाहनों की आवाजाही का सिलसिला भी शुरू हो गया है. ऐसे में अब हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है.

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