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किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने पर मांगा जवाब - Rajasthan High Court

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 25, 2024, 9:08 PM IST

टोंक और सवाई माधोपुर के किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक और सवाई माधोपुर के किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश कविता सिंघल व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं की नियुक्ति 22 अप्रैल, 2021 को तीन साल के लिए की गई थी. यह अवधि गत 22 अप्रैल को पूरी हो चुकी है, लेकिन प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते नए सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो सकी. इसलिए राज्य सरकार ने कई जिलों के किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के सदस्यों का कार्यकाल नए सदस्यों की नियुक्ति तक बढ़ा दिया. याचिका में कहा गया कि टोंक और सवाई माधोपुर के किशोर न्याय बोर्ड भी अन्य जिलों के किशोर न्याय बोर्ड की तरह न्यायिक बोर्ड हैं. ऐसे में इनके सदस्यों का कार्यकाल नहीं बढ़ाने से बोर्ड काम नहीं कर पा रहा है.

पढ़ें:किशोर गृह व बाल संप्रेक्षण गृहों में रिक्त पदों को भरने के लिए उठाए कदम पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता टोंक किशोर न्याय बोर्ड की महिला सदस्य हैं. ऐसे में बोर्ड में महिलाओं से जुड़े मामलों में सुनवाई के लिए महिला सदस्य का होना जरूरी है. इसी तरह याचिकाकर्ता अब्दुल जब्बार सवाई माधोपुर जिले के किशोर न्याय बोर्ड का सदस्य हैं. वहां भी इनका कार्यकाल नहीं बढ़ाने के कारण कामकाज प्रभावित हो रहा है. इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाएं कि अन्य जिलों के किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के सदस्यों की तरह याचिकाकर्ताओं का कार्यकाल भी नए सदस्यों की नियुक्ति तक बढ़ाया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अतिरिक्त महाधिवक्ता बीएस छाबा को याचिका की कॉपी देने के आदेश देते हुए उनसे जवाब पेश करने को कहा है.

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