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Gupt Navratri 2024 : आज प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा, जागृत करें मूलाधार चक्र

Gupt Navratri First Day, हिंदू पंचांग में साल में चार नवरात्र होते हैं. एक चैत्र और दूसरा शारदीय नवरात्र के अलावा दो गुप्त नवरात्र भी होते हैं. इन गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व होता है. नवरात्र देवी मां की आराधना का पर्व है.

Gupt Navratri 2024
Gupt Navratri 2024

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 7:01 AM IST

बीकानेर. गुप्त नवरात्र में मंत्र सिद्धि और तंत्र विद्या सिद्धि के लिए पूजा की जाती है. माघ माह की गुप्त नवरात्र इस बार 10 फरवरी से 18 फरवरी तक है. ये नवरात्र माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होते हैं. गुप्त नवरात्र की मान्यता के मुताबिक तंत्र साधना करने वालों के लिए गुप्त नवरात्र श्रेष्ठ होती है.

मूलाधार चक्र जागृत : ज्योतिर्विद पंडित विष्णु व्यास कहते हैं कि मां शैलपुत्री की आराधना से नवरात्र की शुरुआत होती है. पहले दिन मन शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के साथ हमारे शरीर में मूलाधार चक्र को जागृत करने की कोशिश करते हैं. इससे हमारे अंदर सुरक्षा की भावना प्रबल होती है, साथ ही हमारी मौलिक क्षमता का विकास होता है.

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नौ दिन नौ स्वरूप : नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है. नौ दिन नवाहन परायण, देवी अथर्वशीर्ष, दुर्गा सप्तशती, श्रीसूक्त कनकधारा स्तोत्र देवी भागवत, देवी पुराण और रामायण का वाचन और परायण पाठ भी होता है. प्रथम दिन मां शैलपुत्री का आह्वान करके पूजन किया जाता है. प्रतिपदा नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा होगी. नौ दिन के देवी आराधना में प्रतिपदा को घटस्थापना के साथ नौ दिनों की पूजा का क्रम शुरू होता है. देवी की आराधना और पूजा करने के साथ ही नौ दिन तक व्रत भी किया जाता है.

पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा : मां शैलपुत्री का स्वरूप बेहद सौम्य और कोमल माना गया है. ऐसी मान्यता है कि मां शैलपुत्री की आराधना से हमारा मन पर्वत की तरह अडिग बनता है. माता शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं, इसीलिए इनकी आराधना करने से मन को हिमालय जैसी स्थिरता मिलती है.

इन मंत्र का करें जप : नवरात्रि के पहले दिन इस मंत्र के जाप के साथ अपने मूलाधार चक्र को जरूर जागृत करना चाहिए.

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:

वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥

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