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बीटीयू दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल, तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों को प्रधानता देने के लिए चिंतन की जरूरत - convocation ceremony

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 29, 2024, 5:13 PM IST

राज्यपाल कलराज मिश्र सोमवार को बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शरीक हुए. उन्होंने शिक्षा में मानवीय मूल्यों को शामिल करने पर जोर दिया.

Governor Kalraj Mishra participated in the convocation ceremony of Bikaner Technical University.
बीटीयू दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल, तकनीकी शिक्षा में मानवीय मूल्यों को प्रधानता देने के लिए चिंतन की जरूरत

बीकानेर. राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र सोमवार को बीकानेर के दौरे पर रहे. इस दौरान वे बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए. समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि विद्यार्थी, वैदिक भारत के शाश्वत सिद्धांतों को आधार बनाकर ऐसे नवाचार करें, जो प्रकृति के अनुकूल हों.

उन्होंने कहा कि तकनीकी शिक्षा का उद्देश्य विद्यार्थियों में निहित अद्वितीय क्षमताओं को पहचानते हुए उन्हें भविष्य के अवसरों के लिए तैयार करना है. उन्होंने कहा कि मानवीय मूल्यों को तकनीकी शिक्षा में प्रधानता देने के लिए चिंतन की जरूरत है. विश्वविद्यालयों में इस तरह के शोध और अनुसंधान हों, जिससे देश के संसाधनों से स्थानीय उत्पादों का निर्माण हो सके.

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नई शिक्षा नीति में शोध को प्राथमिकता: राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शोध और अनुसंधान की मौलिक परंपरा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. इसी के अनुरूप भारतीय पारंपरिक ज्ञान को केंद्र में रखकर आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप तकनीक के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाए. तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा विकसित प्रौद्योगिकी मानव कल्याण के उद्देश्य के साथ युगानुकूल हो. विकसित भारत की शिक्षा का दृष्टिकोण विज्ञान, प्रौद्योगिकी, भारतीय दर्शन और नवाचार के प्रतीक के रूप में होना चाहिए.

दूसरी भाषाओं में भी हो काम: उन्होंने कहा कि आज भी हमारे यहां वैज्ञानिक, तकनीकी और चिकित्सकीय शिक्षा अंग्रेजी में ही दी जाती है. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत भारत सरकार द्वारा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसलेशन एंड इंटरप्रिटेशन की पहल की गई है. इसका उद्देश्य अंग्रेजी के साथ दूसरी भाषाओं में वैज्ञानिक, तकनीकी और चिकित्सकीय शिक्षा के पाठ्यक्रमों को सुलभ करवाना है.

बीकानेरियत का जिक्र: राज्यपाल ने बीकानेर साहित्यिक परम्परा को रेखांकित किया और परम्परागत ज्ञान को आगे बढ़ाने में डॉ. छगन मोहता, हरीश भादाणी, रामदेव आचार्य और यादवेंद्र शर्मा जैसे साहित्यकारों के योगदान का स्मरण किया. उन्होंने कहा कि इनके सृजन सरोकारों ने मानवता को निरंतर लाभान्वित किया है. उन्होंने बीकानेर की गंगा जमुना संस्कृति और यहां की पाटा संस्कृति को भी देशभर के लिए मिसाल बताया.

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महाराजा गंगासिंह को किया याद: राज्यपाल ने कहा कि बीकानेर में प्रौद्योगिकी विकास का भी अहम इतिहास रहा है, यहां के दूरदर्शी पूर्व महाराजा गंगासिंह ने वर्ष 1926 में रेल संसाधन बढ़ाने और उन्नत सिंचाई के लिए गंगनहर लाने जैसे ऐतिहासिक कार्य किए. उन्होंने कहा कि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय बीकानेर के गौरवशाली इतिहास से प्रेरणा लेकर नए शोध संदर्भों में नए आयाम स्थापित करेगा. विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के अनुरूप ऐसे पाठ्यक्रम विकसित करें, जिसमें हमारे प्राचीन ज्ञान के संदर्भों के साथ आधुनिक वैश्विक ज्ञान का समन्वय हो.

डिग्रियां वितरित की: राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में 11 बालिकाएं हैं. यह संख्या इस बात की द्योतक है कि अवसर मिलने पर बालिकाएं अपने भविष्य के साथ राष्ट्र के भविष्य को भी सुदृढ़ बना सकती हैं. कुलपति प्रो. अम्बरीश शरण विद्यार्थी ने तकनीकी विश्वविद्यालय के नवाचारों की बात कही. दीक्षांत समारोह में वर्ष 2024 बीआर्क, बी डिजाइन, बीटेक, एमटेक, एमबीए, एमसीए पाठयक्रम सहित कुल 20 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए. वहीं बीटेक की 2529, बीटेक (ऑनर्स) की 18, एमबीए की 426, एमसीए की 139, एमटेक की 42, बीआर्क की 3, बी-डिजाइन की 14 सहित कुल 3171 डिग्रियां वितरित की.इससे पहले एयरपोर्ट पहुंचने पर संभागीय आयुक्त, आईजीपी, जिला कलेक्टर और एसपी ने राज्यपाल की अगवानी की.

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