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पूर्वी राजस्थान के इन तीन जिलों में 'गंगाजल अभियान', जानिए भाजपा से क्यों खफा हुआ जाट समाज ? - Lok Sabha Elections 2024

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 29, 2024, 9:27 PM IST

Updated : Mar 30, 2024, 5:57 PM IST

Rajasthan Jat Reservation, ओबीसी आरक्षण को लेकर पूर्वी राजस्थान में जाट समाज केंद्र की मोदी सरकार से खफा नजर आ रहा है. इतना ही नहीं, भाजपा के खिलाफ जाट समाज ने 'गंगाजल अभियान' शुरू कर दिया है. जानिए क्या है पूरा मामला...

Rajasthan Jat Reservation
पूर्वी राजस्थान के इन तीन जिलों में 'गंगाजल अभियान'

भरतपुर. लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है. सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए दमखम लगाना शुरू कर दिया है. राजस्थान में भाजपा 25 की 25 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा कर रही है, लेकिन पूर्वी राजस्थान में भरतपुर, डीग और धौलपुर जिलों का जाट समाज मोदी सरकार और भाजपा से बेहद खफा है. हालात ये हैं कि यहां के जाट समाज ने भाजपा के खिलाफ मतदान करने और उसे सबक सिखाने के लिए गंगाजल अभियान भी छेड़ दिया है. यदि इन तीनों जिलों का जाट समाज भाजपा के खिलाफ मतदान करता है और भाजपा इस समाज को साधने में नाकाम रहती है तो चुनावों के परिणाम चौंकाने वाले हो सकते हैं. आइए जानते हैं कि आखिर गंगाजल अभियान क्या है और जाट समाज केंद्र सरकार व भाजपा से क्यों खफा है ?

ये है नाराजगी की वजह : असल में भरतपुर, धौलपुर और डीग जिले का जाट समाज लंबे समय से केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहा है. राजस्थान के अन्य जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल रहा है, लेकिन इन तीन जिले के जाट अभी भी केंद्र में ओबीसी आरक्षण से बाहर हैं. तीनों जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर कुछ समय पूर्व भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से जिले के जयचोली गांव में महापड़ाव डाला गया. करीब 40 दिन तक पहापड़ाव चला.

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राजस्थान सरकार के प्रयास से संघर्ष समिति, केंद्रीय मंत्री और ओबीसी आयोग के बीच वार्ता भी हुई. उस समय सरकार के आश्वासन पर महापड़ाव हटा दिया गया, लेकिन संघर्ष समिति ने तय किया कि यदि अचार संहिता लागू होने से पहले तीनों जिले के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया तो लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मतदान करेंगे.

भाजपा के खिलाफ 'गंगाजल' : संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई है, लेकिन जाट आरक्षण का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. इसलिए भरतपुर, धौलपुर और डीग जिलों का जाट समाज लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ मतदान करेगा. इसके लिए गांव-गांव जाकर जाट समाज के लोगों को हाथों में गंगाजल लेकर कसम दिलाई जा रही है. साथ ही इस बार के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी संजना जाटव को मत और समर्थन दिया जाएगा.

नेम सिंह फौजदार ने बताया कि गंगाजल अभियान के तहत ही गांव गांव रैलियां निकाल कर भाजपा को वोट नहीं देने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, क्योंकि आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा सरकार ने जाटों को धोखा दिया है. जाट समाज के अलावा सभी समाज के लोगों को इस अभियान में जाटों का साथ देने की अपील की जा रही है. इसके लिए करीब एक लाख बड़े और छोटे पोस्टर भी प्रिंट कराए गए हैं, जिनको घर घर तक वितरित किया जा रहा है.

नेम सिंह ने बताया कि अकेले भरतपुर लोकसभा क्षेत्र में करीब 5 लाख मतदाता हैं. ऐसे में चुनावों में जाट मतदाता बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा. न केवल भरतपुर लोकसभा सीट बल्कि करौली-धौलपुर लोकसभा सीट के अलावा अलवर सीट पर भी भाजपा के खिलाफ अभियान चलेगा, जिससे तीन लोकसभा सीटों पर भाजपा को हराया जा सके.

डीग-कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेश सिंह...

भाजपा नेता ने क्या कहा ? : जाट समाज के गंगाजल अभियान को लेकर डीग-कुम्हेर विधायक डॉ. शैलेश सिंह ने कहा कि केंद्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा सरकार ने जाट समाज का भरपूर सहयोग किया. केंद्रीय मंत्री और ओबीसी आयोग से वार्ता भी कराई. उस समय इन्ही नेताओं ने वार्ता के बाद प्रदेश की भाजपा सरकार का आभार जताया था और अब यही नेता अपने बयान से पलट कर भाजपा के खिलाफ गंगाजल अभियान चला रहे हैं. भाजपा के खिलाफ मतदान करने की बात कर रहे हैं. कुछ लोग अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए समय-समय पर बयान बदलते रहते हैं. जाट समाज समझदार समाज है. किसी के बहकावे में आने वाला समाज नहीं है. जाट समाज पहले भी भाजपा के साथ था और लोकसभा चुनाव में भी साथ रहेगा.

Last Updated :Mar 30, 2024, 5:57 PM IST

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