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72 दिनों बाद नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी से किसानों का धरना समाप्त

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 23, 2024, 10:07 PM IST

Farmers protest: 72 दिनों बाद नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी से किसानों का धरना समाप्त हो गया है. किसानों ने बताया कि आंदोलन की वजह से एक हाई पावर कमेटी बनी है. ये कमेटी तीन महीने में हमारी मांगों पर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी.

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किसानों का धरना समाप्त

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी पर 72 दिनों से धरने पर बैठे किसानों ने प्रशासन और शासन से वार्ता के बाद धरने को समाप्त कर दिया है. 81 गांव के किसान 11 दिसंबर से प्राधिकरण पर धरना दे रहे थे. वहीं, 24 गांव के किसान 18 दिसंबर से एनटीपीसी पर लगातार धरने पर बैठे थे.

भारतीय किसान परिषद की बैनर तले दोनों ही धरना चल रहा था. जिसका नेतृत्व परिषद के संयोजक सुखबीर खलीफा द्वारा किया जा रहा था. प्रशासन ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनके ऊपर लगाए गए मुकदमा भी जल्द वापस लिया जाएगा. इसके अलावा सभी मांगों को कमेटी के सामने रख कर उस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी. किसानों ने प्राधिकरण के बाहर लगे तंबू को हटा दिया है. साथ ही पुलिस ने यहां 72 दिनों से लगी बेरिकेडिंग को हटाकर सड़क को पूरी तरह से खोल दिया.

72 दिनों बाद नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी से समाप्त हुआ किसानों का धरना

यह लोग होगे समिति में शामिल:नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में किसान अपनी समस्याओं को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक समिति गठित की गई. समिति में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष, मंडलायुक्त मेरठ और जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर शामिल होंगे. समिति के सदस्यों को मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा और ग्रेटर नोएडा द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा.

72 दिनों बाद नोएडा प्राधिकरण और एनटीपीसी से समाप्त हुआ किसानों का धरना

आश्वासन के बाद समाप्त हुआ धरना:धरने के दौरान सभी स्थानों पर लगी बेरिकेडिंग को हटाया गया. प्रशासन ने आश्वस्त किया कि आपकी मांगों को पूरा किया जाएगा. बता दें कि किसानों की समस्याओं के निपटारे के लिए एक हाइपावर कमेटी बना दी गई है. इस कमेटी की पहली बैठक 27 फरवरी को प्रस्तावित है. बैठक में एनटीपीसी से जुड़े मुद्दों को रखा जाएगा. इसके बाद नोएडा प्राधिकरण से प्रभावित किसानों की सुनवाई होगी. इससे पहले समिति नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आ सकती है. यहां किसानों की मांगों और अधिकारियों से वार्ता कर सकती है.

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