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चाईबासा में सरना धर्म में वापसी करने वाले एक परिवार का स्वागत, दो का सामाजिक बहिष्कार, अपना लिया था ईसाई धर्म - Christianity to Sarna religion

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 5, 2024, 9:31 AM IST

Social boycott of family. चाईबासा में फिर से सरना धर्म में वापसी करने वाले एक परिवार का स्वागत किया गया. जबकि दो परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया गया है. मामला घोड़ाबंधा के बाईपी टोला का है.

family that returned from Christianity to Sarna religion was welcomed in Chaibasa
सरना धर्म में वापसी के दौरान मौजूद ग्रामीण (ETV BHARAT)

चाईबासा: घोड़ाबंधा पंचायत क्षेत्र के बाईपी टोला में लगभग दो साल पूर्व ईसाई धर्म अपनाने वाले एक परिवार सरना धर्म में वापस लौट गए और वापस नहीं आने वाले दो परिवार के सदस्यों को बैठक कर ग्रामसभा द्वारा सामाजिक बहिष्कार किया गया. ग्रामीणों ने सरना धर्म में वापस आने वाले परिवार का पारंपरिक दमा-दुमंग एवं सुसुन के साथ भव्य स्वागत किया और वापस नहीं आने वाले दो परिवार के सदस्यों को हो समाज के सभी रीति-रिवाज से बाहर कर दिया.

दरअसल मझगांव थाना क्षेत्र के बाईपी टोला में पराय हेम्ब्रम की अध्यक्षता में ग्राम सभा की बैठक हुई. जिसमें दो साल पूर्व ईसाई धर्म अपनाने वाले तीनों परिवार के सदस्यों को वापस सरना धर्म में आने के लिए सप्रेम प्रस्ताव दिया गया. बैठक में एक परिवार सरना धर्म में वापस आने के लिए राजी हुआ और दो परिवार के लोग राजी नहीं हुए. वापस सरना धर्म में आने वाले धर्मेन हेम्ब्रम के परिवार को ग्राम के दियुरी राजीव हेम्ब्रम के द्वारा बलि चढ़ाकर हल्दी-पानी-आम और तुलसी पत्ता ईत्यादि से हो समाज की प्राचीन परंपरा के मुताबिक शुद्धिकरण किया गया.

उनमें से दो परिवार विजय तिरिया और राऊतु केराई के सदस्यों को निम्न प्रकार से सामाजिक बहिष्कार किया गया.

  • इन परिवार के साथ कोई भी ग्रामीण बातचीत नहीं करेंगे, बातचीत करते समय पकड़े जाने पर 1000/- रुपये जुर्माना लगाया जायेगा.
  • गाव में शादी-विवाह, जन्म-मृत्यु, पारंपरिक त्योहारों और विभिन्न सामाजिक एवं अन्य घरेलु कार्यों में कोई ग्रामीण सहयोग नहीं करेंगे. उनके मवेशियों को गांव में खुद के अलावे दूसरों के रैयती जमीन पर चराने नहीं दिया जायेगा.
  • सरकारी सड़क, स्कूल, अस्पताल, तालाब, चापाकल जैसी सरकार की विभिन्न योजनाएं एवं कार्यों सहित अन्य सरकारी कार्यों पर कोई प्रतिबंध नहीं है. मगर धर्मांतरित परिवार को ग्रामीणों के रैयती जमीन पर चलने नहीं दिया आएगा.

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