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कार्डियक अरेस्ट से हुई थी हाथी गांव में हथिनी चुनचुन माला की मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा - Elephant Death In Hathi Goan

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 22, 2024, 7:25 AM IST

Updated : Mar 22, 2024, 8:26 AM IST

हाथी गांव में बुधवार को एक हथिनी की मौत हो गई थी. मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट सामने आया है. हाथी गांव में बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से लगातार इसका खामियाजा हाथियों को भुगतना पड़ रहा है. हथिनी के बीमार होने की खबर भी छुपाई जा रही थी.

ELEPHANT DEATH IN HATHI GOAN
हाथी गांव में हथिनी चुनचुन माला की मौत

जयपुर. हाथी गांव में बुधवार को 12 नंबर हथिनी चुनचुन माला की मौत हो गई थी. गुरुवार को पशु चिकित्सालय की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड की ओर से शव का पोस्टमार्टम किया गया. हथिनी की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में सामने आया है कि हथिनी की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है. हथिनी पिछले 3-4 दिन से बीमार चल रही थी, जिसका उपचार किया जा रहा था.

जयपुर चिड़ियाघर के डीएफओ जगदीश गुप्ता के मुताबिक 12 नंबर चुनचुन माला करीब 3- 4 दिन से बीमार चल रही थी. पशु चिकित्सकों की ओर से लगातार इलाज किया जा रहा था. बुधवार को 45 वर्षीय हथिनी की मौत हो गई. गुरुवार को पॉलीक्लिनिक पशु चिकित्सालय की ओर से गठित मेडिकल बोर्ड के पशु चिकित्सको की ओर से हथिनी के शव का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद मेडिकल बोर्ड ने कार्डियक अरेस्ट यानी हृदयघात की वजह से मौत होना बताया है. पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार को हथिनी का अंतिम संस्कार किया गया.

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कभी 100 हाथी थे, आज केवल 82 :बता दें कि हाथी गांव में पहले 100 से भी अधिक हाथियों से आबाद हुआ करता था, लेकिन धीरे-धीरे करके कई हाथियों की मौत हो गई. कुछ हाथियों को हाथी गांव से बाहर भेज दिया गया. सितंबर 2023 में कुछ हाथियों को जहर दे दिया गया था. जिसमें हथिनी लक्ष्मी और जयंतकली की मौत हो गई थी. कहीं ना कहीं हाथी गांव में बड़ी लापरवाही देखने को मिल रही है, जिसकी वजह से लगातार इसका खामियाजा हाथियों को भुगतना पड़ रहा है. उदासीनता और लापरवाही के चलते हाथियों की मौत हो रही है. हाथी गांव में अब करीब 82 हाथी बचे हैं. हथिनी चुन चुन के बीमार होने की खबर को भी संबंधित अधिकारियों और हाथी मलिक की ओर से छुपाने की कोशिश की गई थी. पत्रकारों से भी जानकारी को छुपाने का प्रयास किया गया था. वहीं, संबंधित क्षेत्रीय वन अधिकारी भी मीडिया के सामने आने से बचते रहे.

Last Updated : Mar 22, 2024, 8:26 AM IST

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