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ज्ञानवापी को लेकर बयानबाजी में अखिलेश यादव और ओवैसी पर मुकदमा दर्ज होगा या नहीं, सुनवाई टली

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 26, 2024, 12:36 PM IST

Updated : Feb 26, 2024, 4:42 PM IST

Gyanvapi Case: वाराणसी की जिला अदालत में आज अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी पर मुकदमा दर्ज करने से लेकर कई अन्य मामलों की भी सुनवाई सुनवाई होनी थी. अखिलेश और ओवैसी के मामले में आज सुनवाई नहीं हो सकी. अब ये सुनवाई 2 मार्च को होगी.

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वाराणसी: ज्ञानवापी को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और AIMIM के अध्यक्ष असद्उद्दीन ओवैसी ने अभद्र टिप्पणी की थी. इस मामले में आज यानी सोमवार को वाराणसी जिला कोर्ट में सुनवाई होनी थी. लेकिन, कोर्ट खाली न होने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी. कोर्ट ने अगली तिथि 2 मार्च मुकर्रर की है.

इसी के साथ आज ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा पाठ करने का अधिकार देने की मांग को लेकर स्वयंभू विश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग की तरफ से पंडित सोमनाथ व्यास, डॉ. रामरंग शर्मा और अन्य के द्वारा 15 अक्टूबर 1991 को दाखिल किए गए मुकदमे की सुनवाई जिला जज न्यायालय में स्थान्तरित करने को लेकर दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होनी थी.

पुराने मुकदमे की ट्रांसफर एप्लीकेशन पर पिछली तारीख में प्रभारी जिला जज अनिल कुमार ने पंडित सोमनाथ व्यास के नाती शैलेंद्र कुमार पाठक की प्रार्थना पत्र को सुनवाई के लिए एंटी करप्शन कोर्ट में भेज दिया था.

इसके अलावा ज्ञानवापी में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाने माता श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन करने सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए मस्जिद को हटाकर मंदिर बनाने की मांग को लेकर पर्यावरणविद् प्रभु नारायण की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई होगी. इसमें प्रतिवादी पक्ष की तरफ से आपत्ति दाखिल करनी है.

ज्ञानवापी हिंदुओं को सौंपने वहां मिले शिवलिंग की पूजा के अधिकार को प्राप्त करने और पूजा से रोकने वालों का प्रवेश प्रतिबंधित करने की मांग को लेकर किरण सिंह की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र पर भी जिला जज की अदालत में सुनवाई होनी थी.

वहीं, ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजू खान में गंदगी करने और वहां मिले शिवलिंग पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगाकर सपा अध्यक्ष अखिलेश और एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग वकील हरिशंकर पांडेय की तरफ से की गई थी.

इसके अतिरिक्त ज्ञानवापी में कब्रों का जिक्र करते हुए चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की अनुमति देने की मांग को लेकर लोहता के मुख्तार अहमद की तरफ से दाखिल याचिका पर ए डीजे सप्तम अदालत में भी सुनवाई होनी थी.

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Last Updated : Feb 26, 2024, 4:42 PM IST

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