नई दिल्ली: नॉर्थ दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके में नोएडा के ट्विन टावर्स की तरह सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट परिसर में 12 टावर को जमींदोज किया जाएगा. इसके लिए डीडीए ने पूरी तैयारी कर ली है और कॉन्ट्रेक्टर की खोज की जा रही है. पूरे काम के लिए जिसकी भी बोली सही होगी उसे ही काम दिया जाएगा. सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट में बने सभी 12 टावर को जमींदोज कर यहां पर नए टावर्स बनाए जाएंगे. सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के इन टावरों को दिल्ली आईआईटी के शोधकर्ता छात्रों ने परिवार के रहने के लिए अयोग्य घोषित किया था. यहां पर बने टावर्स में काफी कमियां है, जिसकी वजह से बिल्डिंग ढांचे गिरने से लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट के सभी टावर होंगे जमींदोज:सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट के आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट में बने सभी टावरों को जमींदोज करने के लिए डीडीए ने अपनी तैयारी कर ली है. अभी तक फ्लैट खाली कर चुके फ्लैट मालिकों को किराया मिलना शुरू नहीं हुआ है और अभी भी कई ऐसे फ्लैट मालिक हैं जो अपने फ्लैट को खाली नहीं करना चाह रहे हैं. डीडीए की शर्तों के अनुसार जब तक कॉम्पलेक्स पूरी तरह खाली नहीं होगा तब तक फ्लैट मालिकों को किराया नहीं मिलेगा. सिगनेचर व्यू अपार्टमेंट में 12 टावर बने हुए हैं, जिसमें 10 टावर्स 10 मंजिला है और दो छह मंजिला टावर है, जिनमे 336 एचआईजी और एमआईजी फ्लैट बने हुए है.
आरडब्ल्यूए के दूसरे पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि दिल्ली में डीडीए के चेयरमैन उप राज्यपाल वी.के. सक्सेना है और उन्ही की निगरानी में कई मीटिंग हुई है. डीडीए के साथ हुई मीटिंग में तय किया गया कि फ्लैट मालिकों को किराया दिया जाएगा, इस परिसर में एमआईजी और एचआईजी फ्लैट है. एचआईवी फ्लैट मालिक को 50,000 और एमआईजी फ्लैट मालिक 38,000 रुपए किराया दिया जाएगा. इसके लिए शर्तों के अनुसार पूरे परिसर में रह रहे 336 परिवारों को फ्लैट खाली कर पूरी तरह से डीडीए को हैंडोवर करना होगा. ताकि डीडीए अपना काम समय पर शुरू कर सके फ्लैट खाली होने के बाद डीडीए पूरे कॉम्प्लेक्स की बिजली और पानी जैसे तमाम बुनायदी काम की सप्लाई को काटकर अपना काम शुरू करेगा.
परिवारों ने नहीं किये फ्लैट खाली
समस्या ये है की अभी तक फ्लैट पूरी तरह से खाली नहीं हुए हैं, केवल 100 परिवारों ने ही फ्लैट खाली किया है. वो लोग दूसरी जगह रहकर मोटा कराया दे रहे हैं. जिसके लिए लोगो की मांग है उन्हें रेनोवेशन का भी पैसा मिलना चाहिए जो उन्होंने फ्लैट खरीदने के बाद लगाया है.