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दो साल बाद चार बच्चों को मिला परिवार का स्नेह, बाल कल्याण समिति ने प्रक्रिया पूरी कर परिजनों के सुपुर्द किया

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 16, 2024, 10:19 PM IST

Child Welfare Committee Sahibganj. मिशनरीज ऑफ चैरिटी में आवासित चार बच्चों को दो वर्षों के बाद अपना परिवार मिल गया है. बाल कल्याण समिति ने परिजनों की काउंसलिंग कर उनके बच्चों को उन्हें सौंप दिया है.

Children Reunited To Their Families
Child Welfare Committee Sahibganj

साहिबगंज: बाल कल्याण समिति कार्यालय साहिबगंज में शुक्रवार को चार बच्चों को अपना परिवार मिल गया है. यह बच्चे ऐसे हैं जिनकी माताएं उन्हें जन्म देने के साथ गुजर गई थीं. उसके उपरांत बाल कल्याण समिति के आदेश से एमओसी कुंडली में आवासित हुए थे. जहां पिछले दो वर्षों से उनकी पूर्ण देखभाल मिशनरीज ऑफ चैरिटी में कार्यरत सिस्टर कर रही थीं.

बच्चों के परिजनों की हुई काउंसलिंग

शुक्रवार को इन चारों छोटे-छोटे बच्चों के परिवार को बुलाया गया था. परिवार के सदस्यों की काउंसलिंग की गई. साथ ही सरकार की योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई. इन बच्चों को कैसे रखना है यह भी बताया गया. किसी प्रकार की कोई समस्या होने पर त्वरित बाल कल्याण समिति से संपर्क करने को कहा गया गया.

मिशनरी ऑफ चैरिटी कुंडली में 13 छोटे बच्चे आवासित हैं

बताते चलें कि जेजे एक्ट में प्रावधान है नवजात शिशु जिसकी मां गुजर जाती हैं या परिवार पालने में असमर्थ होते हैं तो बाल कल्याण समिति के आदेश से ऐसे बच्चों को साहिबगंज जिले में रखने की व्यवस्था मिशनरी आफ चैरिटी कुंडली बरहेट में है. वर्तमान समय में बाल कल्याण समिति के आदेश से मिशनरी ऑफ चैरिटी कुंडली में 13 छोटे बच्चे आवासित हैं. जिनका समिति महीने में दो से तीन बार निरीक्षण करती है. इस मौके पर बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ सुरेंद्रनाथ तिवारी, सुधा कुमारी, दिनेश शर्मा, बाल संरक्षण पदाधिकारी पूनम कुमारी, पीएलबी मार्था मरांडी, शाहिद और बच्चों के परिजन उपस्थित थे.

परिवार के सदस्य अपने बच्चों को पाकर खुशी से झूम उठे

वहीं बच्चे को पाकर उनके परिवार के लोग खुशी से झूम उठे. क्योंकि दो साल के बाद शिशु फिर से मिला है. ये बच्चे अब अपनों के बीच रहेंगे और इन्हें अपनों का प्यार मिलेगा. बच्चों का लालन-पालन पारिवारिक परिवेश में हो सकेगा. इस दौरान बाल कल्याण समिति ने अपील की कि जो लोग अपने नवजात का पालन- पोषण नहीं कर पाते हैं वो सीडब्ल्यूसी से संपर्क कर सकते हैं.

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