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ब्राह्मण कल्याण बोर्ड और राजपूत कल्याण बोर्ड को सरकार से नहीं मिला कोई फंड, तीन साल में सेंक्शन फंड जीरो

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 24, 2024, 10:18 PM IST

हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन साल से ब्राह्मण कल्याण बोर्ड और राजपूत कल्याण बोर्ड को सरकार की ओर से कोई फंड नहीं जारी किया गया है. दोनों बोर्ड के लिए 3 साल में कोई फंड सेंक्शन नहीं किया गया है. ये मुद्दा हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान आज उठाया गया. पढ़िए पूरी खबर...

Himachal Budget Session 2024
Himachal Budget Session 2024

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकार ने ब्राह्मण कल्याण बोर्ड और राजपूत कल्याण बोर्ड का गठन किया हुआ है, लेकिन सरकार की तरफ से इन दोनों बोर्ड को फंड जारी नहीं किया गया है. तीन साल के अंतराल में सरकार ने ब्राह्मण कल्याण बोर्ड व राजपूत कल्याण बोर्ड के लिए कोई फंड सेंक्शन नहीं किया है. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में सामने आई है.

दरअसल, विधानसभा के बजट सत्र में देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने इस संदर्भ में सवाल किया था. तीन हिस्सों में बंटे सवाल के एक हिस्से में होशियार सिंह ने जानना चाहा था कि तीन साल की अवधि में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड व राजपूत कल्याण बोर्ड को कितना फंड सेंक्शन किया गया? विधायक होशियार सिंह की तरफ से अतारांकित सवाल किया गया था, जिसके जवाब में सरकार ने बताया कि उक्त अवधि में दोनों बोर्ड को कोई फंड सेंक्शन नहीं किया गया है.

इसी प्रकार एक सवाल में पूछा गया था कि ब्राह्मण व राजपूत जाति से संबंध रखने वालों के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं? अंग्रेजी में किए गए सवाल के अंग्रेजी में ही जारी जवाब में कहा गया- दि स्टेट गवर्नमेंट इज इम्पलीमेंटिंग वेरियस स्कीम्स/प्रोग्राम्स फॉर द वेलफेयर एंड डेवलपमेंट ऑफ दि पीपुल ऑफ दि स्टेट इन्क्लूडिंग ब्राह्मण एंड राजपूत कास्ट्स. यानी राज्य सरकार ब्राह्मण व राजपूत समुदाय सहित प्रदेश की जनता की भलाई के लिए विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों को लागू कर रही है.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में ब्राह्मण व राजपूत समुदाय सहित प्रदेश के अन्य समुदायों के लिए कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने के मकसद से कल्याण बोर्ड स्थापित किए हैं. मुख्यमंत्री की अगुवाई में विभिन्न कल्याण बोर्ड से जुड़ी बैठकें होती हैं. वर्ष 2017 में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड की एक बैठक में तत्कालीन सीएम वीरभद्र सिंह ने कई ऐलान किए थे. उसमें आर्थिक रूप से पिछड़े ब्राह्मणों को आरक्षण के प्रावधान का ऐलान था.

हिमाचल में कुछ समय पहले सामान्य वर्ग के लिए आयोग बनाने का आंदोलन हुआ था. राज्य में तब जयराम ठाकुर की अगुवाई में भाजपा सरकार थी. सवर्ण समाज के आंदोलन के बाद सामान्य वर्ग आयोग की मांग को लेकर जयराम सरकार ने निर्णायक कदम उठाया और आयोग की अधिसूचना जारी की थी. हिमाचल में सवर्ण समाज के लिए भी आर्थिक आधार पर आरक्षण की वकालत होती रही है.

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