देहरादून: उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव के मतदान 19 अप्रैल को संपन्न हो गए हैं. परिणाम अभी 4 जून को आने हैं. उससे पहले भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में निकाय चुनाव और उपचुनाव में बढ़त बनाने के लिए सक्रिय हो गई है. साथ ही साथ पार्टी में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी में दूसरे दलों से आए बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं को लाइन पर लाने के लिए पार्टी ने साथ-साथ में अपने प्लान बी पर भी काम शुरू कर दिया है.
भाजपा ने उपचुनाव के लिए नियुक्ति किये प्रभारी: सोमवार को उत्तराखंड भाजपा ने निकायों के लिए प्रभारियों की नियुक्ति कर दी है. इससे पहले की निकाय चुनाव में क्षेत्रीय राजनीति के चलते भाजपा में कई दलों से एक साथ हुए नेताओं में बवाल देखने को मिले उससे पहले ही एक कड़ा संदेश पार्टी मुख्यालय से पूरे प्रदेश भर को दे दिया है. दरअसल, सोमवार को प्रभारी नियुक्त करने से पहले उत्तराखंड भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने तमाम चर्चाओं में चल रहे नेताओं को तलब करके यह संदेश देने का काम किया है कि आगामी निकाय चुनाव में कहीं पर भी किसी भी तरह के अनुशासनहीनता नहीं होनी चाहिए. इसके साथ-साथ पार्टी ने आगामी उपचुनाव के लिए प्रभारी भी नियुक्त कर दिए हैं. बदरीनाथ विधानसभा पर उप चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने विजय कपरवान और मंगलौर विधानसभा पर उपचुनाव के लिए पार्टी ने अजीत चौधरी को चुनाव प्रभारी बनाया है.
इन चार नेताओं पर गिरि गाज, प्रदेश भर में संदेश:पिछले एक सप्ताह से राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर के काफी चुटकी ली जा रही थी कि भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में तो शामिल कर दिया लेकिन अब इसके शुरूआती रुझान के रूप में नेताओं की आपसी बयान बाजी सामने आ रही है. यह और फैलती जाएगी. जिसका दुष्परिणाम बीजेपी को आगामी निकाय चुनाव और उपचुनाव में देखने को मिल सकता है. पार्टी ने इन तमाम चर्चाओं का संज्ञान लेते हुए विवादों में चल रहे हैं टिहरी से किशोर उपाध्याय और दिनेश धनै तो वहीं रानीखेत से कैलाश पंत और प्रमोद नैनवाल को तलब किया. साथ ही सख्त लहजे में पूरे प्रदेश के अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को संदेश दिया कि भारतीय जनता पार्टी में अनुशासन पहली प्राथमिकता है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने बताया पार्टी का यह स्पष्ट संदेश है कि पार्टी के किसी भी कार्यकर्ता या नेता के द्वारा कोई ऐसा काम या फिर कोई ऐसी बयानबाजी ना की जाए जिससे पार्टी की छवि धूमिल हो.