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हिमाचल: 6 साल के युवान का कमाल, माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर फहराया तिरंगा - Mount Everest Base Camp

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Apr 26, 2024, 2:15 PM IST

Updated : Apr 26, 2024, 3:49 PM IST

6 year old Yuvan Completed Mount Everest Base Camp Trekking: हिमाचल प्रदेश के 6 साल के युवान ने एवरेस्ट के बेस कैंप तक की चढ़ाई पूरी की है. पहली क्लास के छात्र युवान के इस कारनामे को सुनकर हर कोई उन्हें सलाम कर रहा है.

6 year old Yuvan Completed Mount Everest Base Camp Trekking
6 year old Yuvan Completed Mount Everest Base Camp Trekking

6 साल के युवान ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप की चढ़ाई की पूरी

बिलासपुर:"एज इज जस्ट अ नंबर" अकसर ये बात बुजुर्ग लोगों के लिए बोली जाती है, जब वो अपनी उम्र के नंबर को हराकर हैरान कर देने वाले कारनामे कर दिखाते हैं, लेकिन कभी-कभी उम्र में बेहद छोटे बच्चे भी इस तरह के कारनामे कर जाते हैं कि हर कोई हैरान रह जाता है. अगर सही समय पर बच्चों को सही मार्गदर्शन मिले तो वे बड़े से बड़ा मुकाम हासिल करने से पीछे नहीं हटते हैं. हिमाचल प्रदेश के 6 साल के युवान के बारे में जानकार आप भी कहेंगे कि "एज इज जस्ट अ नंबर". युवान ने महज 6 साल की उम्र में जो किया है उसे करने से बड़े-बड़े अपने कदम पीछे खींच लेते हैं.

युवान ने माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर फहराया तिरंगा

माउंट एवरेस्ट बेस कैंप किया फतेह

दरअसल हिमाचल प्रदेश के जिला बिलासपुर के 6 साल के युवान ने दुनिया के सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर तिरंगा लहरा है. गौरतलब है कि दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई करीब 8848 मीटर है. जबकि एवरेस्ट का बेस कैंप की ऊंचाई 17598 फीट (5,364 मीटर) है. इस लिहाज से ये दुनिया का सबसे ऊंचा बेस कैंप हैं. जहां माइनस 15 डिग्री के तापमान में ऑक्सीजन की कमी किसी की भी मुश्किलें बढ़ा सकती हैं. इतनी ऊंचाई पर ट्रैकिंग करना अच्छे-अच्छे ट्रैकर्स के लिए भी टेढ़ी खीर साबित होता है. लेकिन 6 साल के युवान ने एवरेस्ट के बेस कैंप पर पहुंचकर तिरंगा फहराया और अब उसकी तस्वीरें देखकर हर कोई उनके कारनामे को सलाम कर रहा है.

माता-पिता के साथ युवान ने लहराया तिरंगा

माता-पिता के साथ पूरा किया सफर

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की बात सुनते ही कई एक्सपीरियंस ट्रैकर्स के हाथ पैर भी फूल जाते हैं. क्योंकि उस ऊंचाई और मौसम में इंसान की शारिरिक ही नहीं मानसिक परीक्षा भी होती है. युवान ने भी माउंट एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने से पहले 6 महीने तक हार्ड ट्रेनिंग की थी. जिसके बाद 6 साल के युवान ने दुनिया के सबसे ऊंचे बेस कैंप का सफर तय किया.

6 साल के युवान ने अपने माता-पिता के साथ मिलकर इस बेहद मुश्किल ट्रैकिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया और माउंट एवरेस्ट बेस कैंप को फतह किया. युवान ने ये सफर अपने पिता सुभाष चंद्र और अपनी मां दिव्या भारती के साथ मिलकर पूरा किया है. युवान हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के जुखाला से हैं लेकिन वो फिलहाल अपने माता-पिता के साथ दुबई में रहते हैं. युवान के इस कारनामे के बाद बिलासपुर के जुखाला क्षेत्र की दावीं घाटी में खुशी का माहौल है. उन्हें इस बात पर गर्व हो रहा है कि उनके क्षेत्र के बच्चे ने बेहद मुश्किल काम को मुमकिन करके दिखाया है.

11 दिन में पूरा किया 135 KM का सफर

युवान के पिता सुभाष चंद्र ने बताया कि "हमारा सफर दुबई से शुरू हुआ था और हम सबसे पहले काठमांडू पहुंचे थे. जहां अपने कुछ साथियों के साथ हमने काठमांडू के लुकला एयरपोर्ट तक की फ्लाइट ली थी. इसके बाद हमने एक गाइड के साथ 8 अप्रैल को एवरेस्ट बेसकैंप का सफर शुरू किया. हमने 11 दिन में ट्रैकिंग पूरी की, इस दौरान हमने 135 किलोमीटर का सफर तय किया. हमने कुल 8 दिन चढ़ाई की और गाइड के आदेश पर दो दिन रेस्ट किया. इस सफर में युवान ने नेचर को काफी एन्जॉय किया और हमने उम्मीद है कि युवान के इस कदम से बच्चे नेचर के प्रति कनेक्ट होंगे."

6 साल के युवान का कमाल

माउंट एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंचने का रास्ता भी बहुत मुश्किल है. यहां का तापमान और ऑक्सीजन की कमी इस ट्रैकिंग को और भी मुश्किल बना देते हैं. यहां ट्रैकिंग के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर बहुत मजबूती चाहिए होती है.

तैराकी, मार्शल आर्ट और दौड़ने की ट्रेनिंग

सुभाष चंद्र ने बताया कि वह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के जुखाला क्षेत्र के सायर मुगरानी के रहने वाले हैं, लेकिन पिछले 8 सालों से परिवार संग दुबई में रह रहे हैं. दुबई में वह एक निजी कंपनी में जॉब करते हैं. उनका बेटा युवान 6 साल का है और फर्स्ट क्लास का स्टूडेंट है. सुभाष ने बताया कि इस ट्रैकिंग को लेकर उन्होंने युवान को बिना किसी आराम के 6 महीने तक हार्ड ट्रेनिंग ली. जिसके कारण युवान ने बिना किसी परेशानी के इस ट्रैकिंग को पूरा किया. युवान के पिता ने बताया कि उन्होंने युवान को 6 माह तक तैराकी, मार्शल आर्ट और दौड़ने की ट्रेनिंग करवाई. जिसके चलते अब युवान अच्छा ट्रैकर होने के साथ-साथ अच्छा तैराक, धावक और मार्शल आर्ट में माहिर बन रहा है.

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Last Updated : Apr 26, 2024, 3:49 PM IST

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