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एक साल की उम्र से बैट-बॉल साथ लेकर सोता था सौम्य, अब भारत को बनाएगा वर्ल्ड चैम्पियन

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 10, 2024, 4:55 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 5:01 PM IST

Vindhya Cricketer Saumy Pandey: रविवार को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंडर-19 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला होगा. टूर्नामेंट में विंध्य के क्रिकेटर सौम्य पांडे ने अब तक बेहतरीन प्रदर्शन किया है. फाइनल में भी उन पर नजर रहेगी. सौम्य के क्रिकेट प्रेम को लेकर उनके पिता से ETV Bharat ने खास बातचीत की.

Vindhya Cricketer Saumy Pandey
विंध्य क्रिकेटर सौम्य पांडे

शहडोल।11 फरवरी रविवार का दिन है और यह दिन सुपर संडे होने जा रहा है. क्योंकि इस दिन अंडर-19 वर्ल्ड कप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा और यह मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच होगा, जिस पर सब की नजर रहेगी. इस मुकाबले के लिए हर जगह विशेष तैयारी भी की जा रही है. विंध्य क्षेत्र में भी इस फाइनल मुकाबले को लेकर विशेष तैयारी की जा रही है, क्योंकि इस बार अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम की ओर से विंध्य क्षेत्र के धुरंधर क्रिकेटर सौम्य पांडे भी खेलते नजर आयेंगे.

अब फाइनल की बारी, विंध्य में विशेष तैयारी

फाइनल मुकाबले को देखने के लिए जगह-जगह विशेष तैयारी की जा रही है. सीधी जिले में भी बड़े-बड़े स्क्रीन पर मैच को दिखाने की तैयारी की जा रही है. प्रोजेक्टर आदि लगाये जा रहे हैं, उनके खुद भरतपुर गांव में भी सरपंच गांव वालों को मैच दिखाने की विशेष तैयारी कर रहे हैं. वो लोग भी संडे को सुपर संडे बनाने के मूड में हैं. विन्ध्य क्षेत्र के सौम्य पांडे भी खेल रहे हैं और मौजूदा टूर्नामेंट में अब तक सौम्य पांडे ने बेहतरीन प्रदर्शन भी किया है. अपनी फिरकी गेंदबाजी से क्रिकेट के बड़े-बड़े दिग्गजों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है. हर किसी को एक्साइटमेंट है कि फाइनल मुकाबला कैसा रहता है. सौम्य पांडे किस तरह का प्रदर्शन करता है और क्या भारत अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियन एक बार फिर से बन पाएगा.

अपने परिवार के साथ सौम्य पांडे

एक साल की उम्र से क्रिकेट से ऐसा प्यार

सौम्य पांडे विन्ध्य क्षेत्र के सीधी जिले के भरतपुर गांव के रहने वाले हैं. सौम्य पांडे के माता-पिता एक शिक्षक हैं. सौम्य के पिता केके पांडे से ईटीवी भारत ने फोन पर जब बात की तो उन्होंने सौम्य के क्रिकेट प्रेम को लेकर कई अनसुने किस्से बताए. केके पांडे बताते हैं कि ''सौम्य जब महज एक साल का था तभी से वो प्लास्टिक की बॉल और बैट रखकर बिस्तर पर ही सोता था. धीरे-धीरे बोलना सीखा तो क्रिकेट के अलावा अगर किसी बात की चर्चा होती थी तो वो गुस्सा जाता था. क्रिकेट के प्रति उसका प्रेम इतना था कि उसके अलावा उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता था.''

गुरुजी ने कहा डॉक्टर बनोगे, तो रोने लगा सौम्य

एक किस्से का जिक्र करते हुए सौम्य पांडे के पिता केके पांडे बताते हैं ''एक बार वो अपने गुरु महाराज जी के यहां परिवार के साथ गए थे. तब सौम्य महज तीन से चार साल का ही था, इस बीच वहीं आश्रम में वो रुके हुए थे. महाराज के एक शिष्य वहां मिले तो उन्होंने अपने सौम्य से कहा कि महाराज जी के चरण छूकर आशीर्वाद ले लो. तो उन्होंने आशीर्वाद दिया कि ये इंजीनियर बनेगा, डॉक्टर बनेगा तो सौम्य रोने लगा और बोला मुझे कुछ नहीं बनना बस क्रिकेटर बनना है. इसके बाद गुरु महाराज जी उसे गोद में उठाकर शांत करते हैं और कहते हैं कि तुम क्रिकेटर ही बनोगे.'' इस किस्से का जिक्र करते हुए उसके पिताजी मुस्कुराने लगते हैं, और कहते हैं कि आज मेरा बेटा क्रिकेटर बन गया.

हमारी टीम चैंपियन बने ऐसा भगवान से मांगना

सौम्य के पिता केके पांडे बताते हैं कि ''जब वो वर्ल्ड कप खेलने के लिए जा रहा था तो अपनी मां से बोला कि जब कभी भगवान से कुछ मांगना पूजा करना तो मेरे लिए ना मांगना बल्कि ये मांगना की हमारी टीम चैंपियन बने. और फिर वह अपनी माँ का आशीर्वाद लेकर चला गया.''

ऐसे हुई क्रिकेट में एंट्री

सौम्य पांडे के पिता कहते हैं कि ''वो लोग सीधी जिले के भरतपुर गांव के रहने वाले हैं और गांव में एजुकेशन के लिए बहुत ज्यादा कुछ नहीं था. इसलिए वह रीवा आ गए और किराय से रहने लगे. वहां स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए कुछ भी जगह नहीं थी, इसलिए उन्होंने अपने बच्चों को क्रिकेट अकादमी में डाल दिया. आज वह अंडर 19 वर्ल्ड कप खेल रहा है.'' केके पांडे ने आगे बताया कि ''जब सौम्य ने अंडर 16 में सेंट्रल जोन के मैच में 36 विकेट हासिल किए थे और इंडिया लेवल पर तीसरे नंबर पर विकेट लेने के मामले में थे. तब उन्हें थोड़ी बहुत उम्मीद जगी थी और उस समय से ही उन्होंने सौम्य को पढ़ाई लिखाई के लिए परेशान करना बंद कर दिया.उनका मानना था क्रिकेट के लिए रात-रात भर पढ़ाई करता है ताकि वह सुबह क्रिकेट खेल सके. दोनों तरफ वह कैसे मैनेज करेगा इसलिए उन्होंने फिर उसके बाद से उसे पढ़ाई के लिए कहना बंद कर दिया था. तभी से उनकी भी उम्मीद बन गई थी कि क्रिकेट में जरूर कुछ करेगा.''

मंजिल अभी दूर है

सौम्य पांडे के पिता केके पांडे कहते हैं कि ''अभी तो यह शुरुआत है अभी अगर क्रिकेट में ही बड़ा नाम करना है तो मंजिल अभी बहुत दूर है बहुत मेहनत करनी पड़ेगी.'' सौम्य के अंडर-19 वर्ल्ड कप में प्रदर्शन से उनके पिता खुश तो हैं. लेकिन उनका यह भी कहना है कि ''अगर क्रिकेट में ही एक बड़ा नाम बनना है बड़ा कुछ करना है तो अभी मेहनत बहुत करनी पड़ेगी, रास्ता भी काफी लंबा तय करना पड़ेगा.'' बता दें कि सौम्य के माता-पिता दोनों ही शिक्षक हैं और अपने बेटे के खेल पर उन्हें गर्व है.

जब चाचा ने बनवा दिया घर पर पिच

सौम्य पांडे के पिता बताते हैं कि ''जब कोरोना काल के दौरान अचानक से ही सभी को घर पर रहने के लिए कह दिया गया कोई भी बाहर नहीं निकल सकता था. उस दौरान सौम्य भी अपने गांव भरतपुर आ गया था, अब वो प्रैक्टिस कैसे करे, इसके लिए वो बेचैन रहता था. क्रिकेट के प्रति उनकी दीवानगी और बेचैनी देखकर उनके चाचा से रहा नहीं गया और उन्होंने घर पर ही एक सीमेंट की पिच बनवाई, जिस पर सौम्य 4 से 5 घंटे तक लगातार प्रैक्टिस करता था. इस दौरान वो लोग भी देखते थे की सौम्य में क्रिकेट को लेकर कितनी दीवानगी है. 4 से 5 घंटे तक लगातार हार्ड वर्क करता रहता है लेकिन तब भी नहीं थकता है. बल्कि और क्रिकेट खेलना चाहता है.''

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अंडर-19 वर्ल्ड कप में सौम्य का प्रदर्शन

विंध्य क्षेत्र के सौम्य अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप से ही सुर्खियों में आ गए हैं. अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में सौम्य भारतीय टीम की ओर से अबतक छह मैच खेले हैं और 17 विकेट निकाले हैं. विकेट लेने के मामले में मौजूदा टूर्नामेंट में तीसरे नंबर पर हैं. अगर फाइनल मुकाबले में सौम्य कुछ और विकेट हासिल कर लेते हैं तो वो पहले नंबर पर भी आ सकते हैं, क्योंकि विकेट लेने के मामले में अभी साउथ अफ्रीका के गेंदबाज पहले नंबर पर हैं. दूसरे नंबर पर 18 विकेट लेकर पाकिस्तान के गेंदबाज हैं, और पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका की टीम दोनों फाइनल की दौड़ से बाहर हो चुकी हैं. फाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेला जाना है. अगर सौम्य 5 विकेट और निकाल लेते हैं तो वो 22 विकेट तक पहुंच जाएंगे और टॉप पर पहुंच सकते हैं.

Last Updated :Feb 10, 2024, 5:01 PM IST

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