भारत के अनकैप्ड तेज गेंदबाज मयंक यादव काफी चर्चा का विषय बने हुए हैं. कोच मोर्नी मोर्कल ने गुजरात के खिलाफ मैच से पहले उनकी तारीफ की है. उन्होंने कहा कि वह भारतीय टीम में डेब्यू करने के लिए तैयार हैं. पढ़ें पूरी खबर...
मयंक यादव
नई दिल्ली :लखनऊ सुपरजॉयंट्स जब रविवार को गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ अपने घरेलू मैदान में उतरेगी तो एक बार फिर सबकी निगाहें मयंक यादव पर होंगी. मयंक ने इस सीजन लगातार दो मैचों में प्लेयर ऑफ द मैच का अवार्ड अपने नाम किया है और फिलहाल वह सनसनी बने हुए हैं. मयंक की तारीफ हर कोई कर रहा है और अब लखनऊ के गेंदबाजी कोच मॉर्ने मॉर्केल ने भी मयंक की जमकर तारीफ की है.
प्री-मैच प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मॉर्केल ने कहा, 'मेरे लिए मयंक के साथ काम करना काफी आसान है क्योंकि उनकी गति स्वाभाविक है. मयंक ने काफी अच्छा काम किया है. अब तक खेले दोनों मैचों में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है और अब उनके लिए सबसे अहम बात है कि वह अनुभव हासिल करें. उन्हें कोशिश करनी होगी कि वह अधिक से अधिक मैच खेलें. पिछले सीजन दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से वह चोटिल हो गए थे, लेकिन इस सीजन उनके लिए पूरी टीम काफ़ी खुश है.
मयंक ने पंजाब किंग्स के ख़िलाफ घरेलू मैदान पर आईपीएल डेब्यू मैच में दमदार प्रदर्शन किया था और तीन विकेट लेते हुए मैच को पूरी तरह मोड़ दिया था. इसके बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के खिलाफ अवे मैच में भी उन्हें धारदार गेंदबाजी करते हुए तीन विकेट निकाले थे और अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी. मयंक ने दोनों मैचों में शॉर्ट गेंदों का इस्तेमाल शानदार तरीके से किया था और बल्लेबाज़ों को पुल खेलने के लिए मजबूर किया था.
मॉर्केल ने मयंक को मैनेज करने पर कहा, 'मैनेजमेंट और स्टॉफ के तौर पर हमारे लिए सबसे अहम है कि हम उन्हें किस तरह मैनेज करते हैं. मैचों के बीच उनके ऊपर जिस तरह का दबाव पड़ रहा है हमें उनकी रिकवरी पर ध्यान देना होगा और साथ ही उन्हें शिक्षित करना होगा कि वह कैसी चीज़ों को अपनाएं जो उनके हित में हों. कई बार वह बल्लेबाजों को असहज कर देते हैं और यही उन्हें एक्स फैक्टर बनाता है. मयंक के दमदार प्रदर्शन के बाद लगातार उनके भारतीय टीम में शामिल होने को लेकर भी बात हो रही है.
मॉर्केल ने भी इस पर अपना पक्ष रखा है और बताया है कि कैसे मयंक को भारतीय टीम में लाया जा सकता है. मॉर्केल ने कहा, ऐसा कोई कारण नहीं हो सकता कि वह भारतीय कैंप का हिस्सा ना बनें. जब मैं साउथ अफ़्रीका के लिए खेल रहा था तो सबसे अच्छी बात यही थी कि युवा खिलाड़ी जल्दी टीम में आते थे और अलग-अलग देशों में जाकर अलग-अलग परिस्थितियों का अनुभव लेते थे. पूरे साल ट्रेनिंग का लेवल भी काफ़ी ऊंचा और अच्छा होता था. यदि आप उन्हें मौका दे सकते हैं और खास तौर पर टी20 क्रिकेट में जिससे उनके शरीर पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा तो यह शानदार होगा.