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इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर जयशंकर के बयान पर फिलिस्तीन के राजदूत बोले, हम भारत के बयान का स्वागत करते हैं

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 19, 2024, 6:21 PM IST

Dr S Jaishankar, Munich Security Conference, भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हो रहे संघर्ष को लेकर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि दोनों के बीच दो-राज्य समाधान होना चाहिए. उनके इस बयान पर फीलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू का कहना है कि हम भारत के ऐसे बयानों का स्वागत करते हैं. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता सौरभ शर्मा की रिपोर्ट...

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नई दिल्ली: म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर द्वारा इजराइल और फिलिस्तीन के बीच दो-राज्य समाधान का आह्वान करने और चेतावनी देने के एक दिन बाद कि पूर्व को नागरिक हत्याओं के प्रति सचेत रहना चाहिए था, भारत में फिलिस्तीनी राजदूत अदनान अबू अलहैजा ने कहा कि 'हम भारत की ओर से ऐसे बयानों का स्वागत करते हैं और मुझे लगता है कि भारत का रवैया बदल गया है.'

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए फिलिस्तीनी राजदूत ने कहा कि 'यह दूसरी बार है कि वे (विदेश मंत्री जयशंकर और फिलिस्तीन के विदेश मंत्री डॉ. रियाद अल-मलिकी) एक महीने के भीतर मिले हैं. मुझे लगता है, यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारतीय पक्ष फिलिस्तीनी पक्ष के साथ जुड़ रहा है. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात दो-राज्य समाधान, मानवीय गलियारे के महत्व और नागरिक लोगों की हत्याओं के संबंध में श्री जयशंकर का बयान है.'

उन्होंने कहा कि 'हम भारत की ओर से इस तरह के बयान सुनकर वास्तव में खुश हैं और हम फिलिस्तीन में नरसंहार को रोकने के लिए इजरायल पर दबाव बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों और भारत के साथ सहयोग करना जारी रखेंगे, जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण देश है.' उन्होंने आगे कहा कि 'इज़राइल सरकार ने कल निर्णय लिया कि वे फ़िलिस्तीनी राज्य को अस्तित्व में नहीं रहने देंगे.'

उन्होंने आगे कहा कि 'दुनिया को पता होना चाहिए कि कौन दो-राज्य समाधान के खिलाफ हैं और कौन व्यवहार्य दो-राज्य समाधान के विचार को नष्ट करने के इच्छुक हैं.' उन रिपोर्टों पर कि अमेरिका ने गाजा में मानवीय युद्धविराम के लिए अल्जीरिया द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव के खिलाफ वीटो का उपयोग करने की कसम खाई है, फिलिस्तीनी दूत ने कहा कि 'अमेरिका इजराइल के साथ एक आक्रामक (हथियार और अन्य उपकरणों की आपूर्ति) के रूप में काम कर रहा है और दुनिया को यह जानना चाहिए कि शांति और दो राज्य समाधान के खिलाफ कौन हैं.'

यहां यह बात ध्यान देने योग्य है कि शनिवार को म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक इंटरैक्टिव सत्र के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने रेखांकित किया कि बढ़ती संख्या में देश अब न केवल फिलिस्तीन मुद्दे के दो-राज्य समाधान का समर्थन कर रहे हैं, बल्कि इसे पहले की तुलना में अधिक जरूरी मान रहे हैं. मंत्री ने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजरायली शहरों पर किए गए हमलों को आतंकवाद बताया. साथ ही उन्होंने कहा कि मानवीय कानून का पालन करना इजराइल का अंतरराष्ट्रीय दायित्व है.

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