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सात लाख लोगों के कातिल मुसोलिनी की बरसी पर इटली में ये क्या हुआ, लगे जिंदाबाद के नारे - Mussolini execution anniversary

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 29, 2024, 8:14 AM IST

Mussolini Execution Anniversary : इटली में दर्जनों लोगों मुसोलिनी की फांसी की बरसी पर उन्हें याद किया. उनके समर्थकों ने उन्हें फासीवादी सलामी दी. आइये जानते हैं क्यों आज भी इटली में मुसोलिनी को याद किया जा रहा है.

Mussolini execution anniversary
रविवार, 28 अप्रैल को उत्तरी इटली के डोंगो में इतालवी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की फांसी की 79वीं वर्षगांठ पर सम्मान समारोह के दौरान दर्जनों लोग फासीवादी सलामी में अपने हथियार उठाते हैं और फासीवाद जिंदाबाद का नारा लगाया.

रोम: इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की फांसी की 79वीं वर्षगांठ पर रविवार को समारोहों के दौरान दर्जनों लोगों ने फासीवादी सलामी में अपने हथियार उठाए और फासीवादी नारे लगाए. काले कपड़े पहने इन लोगों ने उत्तरी इतालवी शहरों से होकर मार्च किया. यही वह क्षेत्र है जहां द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में मुसोलिनी को गिरफ्तार कर उन्हें मौत की सजा दी गई थी. इसके अलावा मुसोलिनी के जन्मस्थान और अंतिम विश्राम स्थल, प्रेडापियो में भी मार्च निकाला गया.

रविवार, 28 अप्रैल को उत्तरी इटली के डोंगो में इतालवी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी की फांसी की 79वीं वर्षगांठ पर सम्मान समारोह के दौरान दर्जनों लोग फासीवादी सलामी में अपने हथियार उठाते हैं और फासीवाद जिंदाबाद का नारा लगाया.

मुसोलिनी को 27 अप्रैल, 1945 को लेक कोमो के तट पर डोंगो में फासीवाद-विरोधी कट्टरपंथियों ने रोक दिया था. तब वह अपनी प्रेमिका क्लारा पेटासी के साथ भागने की कोशिश कर रहे थे. इतिहासकारों के मुताबिक अपने तानाशाह शासन के दौरान मुसोलिनी ने उनका विरोध करने वालो 7 लाख से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.

लाप्रेसे समाचार एजेंसी के कार्यक्रम के वीडियो के अनुसार, रविवार को उनके समर्थकों के एक समूह ने डोंगो में मार्च किया. वहां मारे गए मुसोलिनी सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों की याद में झील में 15 गुलाब के फूल रखे. झील किनारे के शहर मेजेग्रा-गिउलिनो में मुसोलिनी और पेटाची की याद में स्मरणोत्सव भी आयोजित किया गया.

टैप्स की प्रस्तुति के बाद, स्मरणोत्सव के नेता ने 'कॉमरेड बेनिटो मुसोलिनी जिंदाबाद' के नारे लगाये और भीड़ ने भी उनका साथ दिया. कई पुलिस ट्रकों ने डोंगो में प्रदर्शनकारियों को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों से अलग कर दिया, जिन्होंने समारोह के दौरान प्रसिद्ध फासीवादी गीत 'बेला सियाओ' गाया.

मुसोलिनी की फांसी की सालगिरह उसी दिन पड़ी जब प्रीमियर जियोर्जिया मेलोनी पेस्कारा शहर में एक चुनावी रैली में अपनी धुर दक्षिणपंथी ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी का नेतृत्व कर रही थीं. ब्रदर्स ऑफ इटली की जड़ें इटालियन सोशल मूवमेंट से जुड़ी हैं, जिसकी स्थापना 1946 में मुसोलिनी की पिछली सरकार के एक चीफ ऑफ स्टाफ ने की थी और मुसोलिनी के पतन के बाद इसने फासीवादी समर्थकों और अधिकारियों को अपने खेमे में शामिल कर लिया था.

इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने रविवार, 28 अप्रैल को पेस्कारा, इटली में यूरोपीय संसद के लिए जून में होने वाले चुनावों से पहले तीन दिवसीय ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी सम्मेलन के अंतिम भाग में भाग लिया.

किशोरी के रूप में एमएसआई की युवा शाखा में शामिल होने वाली मेलोनी ने अपनी पार्टी को नव-फासीवादी जड़ों से दूर करने की कोशिश की है. उन्होंने फासीवाद के माध्यम से लोकतंत्र के दमन की निंदा की है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि इतालवी दक्षिणपंथियों ने दशकों पहले फासीवादी रास्ते को छोड़ दिया है.

रविवार को, मेलोनी ने वामपंथियों पर आज इटली के लिए अधिक अधिनायकवादी खतरा होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों ने ब्रदर्स ऑफ इटली रैली की मेजबानी के लिए पेस्कारा समुद्र तट पर बनाए गए तम्बू संरचनाओं के बारे में औपचारिक शिकायत की थी, जिसके दौरान मेलोनी ने घोषणा की कि वह जून में यूरोपीय संसद चुनावों से पहले पार्टी के अभियान का नेतृत्व करेंगी.

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि कम्युनिस्ट पार्टी अभी भी अस्तित्व में है, और मैं यह दिखाने के लिए ऐसा कह रही हूं कि आज इटली में अधिनायकवाद की यादें कहां हैं. उन्होंने 2022 में सत्ता में आने के बाद से अपनी सरकार की उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया. उन्होंने कहा कि यदि आप अभी भी मुझ पर विश्वास करते हैं, तो बस मतपत्र पर 'जियोर्जिया' लिखें, क्योंकि मैं आप में से एक हूं और हमेशा रहूंगी.

इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने रविवार, 28 अप्रैल को पेस्कारा, इटली में यूरोपीय संसद के लिए जून में होने वाले चुनावों से पहले तीन दिवसीय ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी सम्मेलन के अंतिम भाग में भाग लिया.

क्या है फासीवाद: ब्रिटेनिका डिक्शनरी के मुताबिक, फासीवाद , राजनीतिक विचारधारा और जन आंदोलन जो 1919 और 1945 के बीच मध्य, दक्षिणी और पूर्वी यूरोप के कई हिस्सों पर हावी था. इसके अनुयायी पश्चिमी यूरोप, अमेरिका , दक्षिण अफ्रीका , जापान , लैटिन अमेरिका और मध्य पूर्व में भी थे. यूरोप के पहले फासीवादी नेता, बेनिटो मुसोलिनी ने अपनी पार्टी का नाम लैटिन शब्द फासिस से लिया, जो प्राचीन रोम में दंडात्मक अधिकार के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले एल्म या बर्च की छड़ों (आमतौर पर एक कुल्हाड़ी) के बंडल को संदर्भित करता था. फासीवाद एक राजनीतिक दर्शन है जो जो राष्ट्र को सर्वोपरी रखता है. इसके मूल में एक तानाशह शासन है जो एक केंद्रीकृत निरंकुश सरकार की स्थापना और उसके बने रहने पर जोर देता है.

कौन थे मुसोलिनी: बेनिटो मुसोलिनी एक इतालवी राजनीतिक नेता थे जो 1925 से 1945 तक इटली के फासीवादी तानाशाह बने. मूल रूप से एक क्रांतिकारी समाजवादी और एक अखबार के पत्रकार और संपादक, उन्होंने 1919 में इटली के हिंसक अर्धसैनिक फासीवादी आंदोलन को खड़ा किया और 1922 में खुद को प्रधान मंत्री घोषित किया. उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एडॉल्फ हिटलर के साथ गठबंधन किया. हिटलर उन्हें अपना गुरू मानता था. माना जाता है कि 1945 में मुसोलिनी को हत्या और उसके शव के साथ हुई बदसलुकी की खबर सुनकर ही हिटलर आत्महत्या करने और अब शव को दुश्मनों के हाथ ना लगने देने का फैसला किया था.

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