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लखीमपुर खीरी हिंसा केस में SC ने आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत बढ़ाई

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 12, 2024, 1:11 PM IST

Lakhimpur Kheri violence case: उच्चतम न्यायालय ने 25 जनवरी 2023 को अदालत द्वारा मिश्रा पर लगाई गई अंतरिम जमानत की शर्तों में ढील दी। मिश्रा को इस अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहने के लिए कहा गया था.

Lakhimpur Kheri violence case
लखीमपुर खीरी हिंसा केस में आशीष मिश्रा

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 2021 में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत की अवधि सोमवार को बढ़ा दी. इस हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गयी थी. न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने उच्चतम न्यायालय की पंजी को मामले की प्रगति पर निचली अदालत से एक रिपोर्ट प्राप्त करने का निर्देश दिया और सुनवाई स्थगित कर दी.

उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 26 सितंबर को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत शर्तों में ढील दी थी, ताकि वह अपनी बीमार मां की देखभाल और बेटी के उपचार के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में जाकर रह सकें. मामला तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा की घटना से जुड़ा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.

उच्चतम न्यायालय ने 25 जनवरी 2023 को अदालत द्वारा मिश्रा पर लगाई गई अंतरिम जमानत की शर्तों में ढील दी। मिश्रा को इस अवधि के दौरान उत्तर प्रदेश या दिल्ली में नहीं रहने के लिए कहा गया था. न्यायालय ने मिश्रा द्वारा दायर एक संशोधन आवेदन पर आदेश पारित किया, जिसमें कहा गया था कि उनकी मां दिल्ली के राममनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने अपने आवेदन में कहा था कि उनकी बेटी को पैरों में कुछ विकृति के लिए उपचार की जरूरत है.

पीठ ने मानवीय आधार पर आवेदन स्वीकार कर लिया था, लेकिन कहा था कि मिश्रा दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक समारोह में भाग न लें और विचाराधीन मामले के संबंध में मीडिया को संबोधित न करें. न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि मुकदमे में भाग लेने के अलावा उत्तर प्रदेश में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध की, 25 जनवरी के आदेश द्वारा लगाई गई शर्त लागू रहेगी. शीर्ष न्यायालय ने इस मामले की तफ्तीश कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) को पिछले साल 18 सितंबर को घटना की जांच से मुक्त कर दिया था.

शीर्ष अदालत ने कहा था कि एसआईटी ने अपनी जांच पूरी कर ली है और निचली अदालत में आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया है. तिकुनिया में हिंसा उस समय भड़क गई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे. चार किसानों को एक एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल) से कुचल दिया गया था। इस हिंसा में एक पत्रकार भी मारा गया था.

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