नई दिल्ली : उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि न्यायालय के आदेश पर नगर निगम प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए गया था, लेकिन कुछ अराजक तत्वों ने लोगों को गुमराह करके अशांति फैलाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि 'मैं आपके माध्यम से यह अपील करना चाहता हूं कि सबलोग शांति बनाए रखें. इसमें जो कैजुअल्टी हुई हैं, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, लेकिन सियासी पार्टियां इसपर राजनीतिक रोटी ना सेंके.'
'शांति बनाने में सहयोग करे जनता' : राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि इस घटना में 100 से ऊपर लोग घायल भी हुए हैं, जो पुलिस और प्रशासन के लोग हैं. उनके साथ ये बर्ताव ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि राज्य में कानून व्यवस्था बनी रहे यह हमारी पहली प्राथमिकता है. शांति बनी रहे यह प्राथमिकता है. तो सभी को शांति बनाने में सहयोग करना चाहिए.
इस सवाल पर कि उत्तराखंड के कुछ कांग्रेस के नेता जिनमें हरीश रावत भी हैं, उनका मानना है कि करवाई उच्च अधिकारियों के नेतृत्व में होनी चाहिए थी. भाजपा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि 'ये घटना सुनियोजित करवाई गई है, कहीं न कहीं कुछ असमाजिक तत्वों का षड्यंत्र लग रहा है, इसलिए किसी भी पार्टी को इसमें कोई भी सियासी रंग नहीं देना चाहिए. उन्हें इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ-हानि के हिसाब से नहीं देखना चाहिए. शांति बनाने में सबको अपना सहयोग करना चाहिए तभी देवभूमि में शांति बहाल होगी.'
इस सवाल पर कि बड़ी संख्या में महिला पुलिस बल भी घायल हुईं हैं. भाजपा सांसद ने कहा कि कई महिला पुलिस बल काफी ज्यादा घायल हुई हैं, बावजूद इसके उत्तराखंड के कांग्रेस नेता राजनीति कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण पूरे देश में गिराए जा रहे हैं. ऐसे समय में इस घटना में सोची समझी राजनीति की बू भी आ रही है. कांग्रेस के नेता इसका राजनीतिकरण करना चाहते हैं. ऐसा लगता है राजनीतिक लाभ उठाना चाह रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 'मैं उनसे अपील करना चाहता हूं, क्योंकि अगर उत्तराखंड जलेगा तो इससे उनका भी नुकसान होगा. इसलिए शांति बनाए रखने में अपना सहयोग दें. सकारात्मक सुझाव दें. ऐसे समय विपक्ष को भी सरकार के साथ प्रशासन का सहयोग करना चाहिए.'
इस सवाल पर कि उत्तराखंड पहला राज्य होगा जिसमें यूसीसी लागू होगा, क्या इन घटनाओं का कोई तालमेल देखते हैं? भाजपा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि 'मुझे तो लगता है कि अवैध निर्माण के खिलाफ हुई कार्रवाई की प्रतिक्रिया के रूप में यह घटना हुई है इसे यूसीसी से जोड़ना नहीं चाहिए. क्योंकि अधिकांश जनता समान नागरिक संहिता के पक्ष में है. रंजना प्रकाश देसाई जी की अध्यक्षता में जो उसके लिए उच्च स्तरीय कमेटी घटित की गई थी, उसने व्यापक काम किया है. 1 साल से अधिक समय तक 232000 लोगों के सुझाव लिए हैं. 90 से ऊपर उसकी बैठक हुई है. 700 पेज की रिपोर्ट दी है. उस रिपोर्ट का नुकसान किसी को नहीं है, सबका लाभ है. यदि विवाह के लिए सबकी उम्र एक सी हो इसमें किसी को क्या नुकसान है. तलाक का कानून एक सा हो, इसमें क्या आपत्ति हो सकती है. संपत्ति में अधिकार सबको मिले, इसमें क्या आपत्ति हो सकती है. तो इस प्रकार की चीज है.
'सुख-शांति के साथ सब लोगों को रहना है' :उन्होंने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु कहीं ना कहीं प्रोवोकेटिव बयान दे रहे हैं और एक तरह से भड़काने का भी कई लोगों ने काम किया. लेकिन अब धीरे-धीरे मुस्लिम समाज में भी जागृति आ रही है. वह अपना हित देखने लगे हैं समझने लगे हैं. उन्होंने कहा कि देश में सुख-शांति के साथ सब लोगों को रहना है, इस मानसिकता के साथ सभी को काम करना चाहिए.