उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

कोरोना वैक्सीन को लेकर PM मोदी के खिलाफ वाराणसी कोर्ट में याचिका; झूठ बोलकर लाभ लेने का आरोप - PM Modi Corona Vaccine

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 2:05 PM IST

Updated : May 13, 2024, 3:12 PM IST

वाराणसी कोर्ट में पीएम मोदी समेत कुल 27 के खिलाफ याचिका दायर. याचिकाकर्ता ने झूठ बोलकर लाभ लेने का लगाया आरोप, 23 मई को होगी सुनवाई. संभवत: देश में यह अपने तरह का पहला मामला है.

Etv Bharat
पीएम मोदी के खिलाफ कोरोना वैक्सीन को लेकर वाराणसी कोर्ट में याचिका (फोटो क्रेडिट; डेस्क डिजाइन)

याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता और युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विकास सिंह की बात. (वीडियो क्रेडिट; अधिवक्ता विकास सिंह)

वाराणसी: कोरोना महामारी से बचाने के लिए बनाई गई वैक्सीन से हो रहे साइड इफेक्ट को लेकर एक याचिका सोमवार को वाराणसी कोर्ट में दाखिल की गई है. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/अपर सिविल जज (सीडी प्रथम) की अदालत में दाखिल इस याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी, उसके चेयरमैन, सीईओ, एस्ट्रोजेन कंपनी और उसके चेयरमैन समेत 28 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

अदालत ने इस मामले के लिए गठित अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) की कोर्ट रिक्त होने के चलते प्रकीर्ण वाद(मिसलेनियस केस) के रूप में दर्ज करने का आदेश देते हुए मामले की सुनवाई के लिए अगली तिथि 23 मई तय कर दी. माना जा रहा है की देश में यह अपने तरह का पहला मामला है जब कोरोना वैक्सीन को लेकर सीधे प्रधानमंत्री को आरोपी बनाया गया है.

बता दें कि युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व अधिवक्ता विकास सिंह ने अपने अधिवक्ता गोपाल कृष्ण के जरिए कोर्ट में मानव अधिकार अधिनियम 1993 के तहत आवेदन दिया है.

कोर्ट में दाखिल याचिका. (फोटो क्रेडिट; अधिवक्ता विकास सिंह)

प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी, उसके चेयरमैन, सीईओ, एस्ट्रोजेन कंपनी और उसके चेयरमैन समेत सभी 28 विपक्षी ने आपस में मिलीभगत करते हुए बिना किसी परीक्षण के कोविशील्ड नामक दवा बनाकर लोगों को भय दिखाकर कोरोना वैक्सीन बताकर लोगों को जबरन लगवाए और उससे लाभ अर्जित किए.

साथ ही वैक्सीन बनाने वाली कंपनी द्वारा प्रधानमंत्री को उस लाभ में हिस्सेदार बनाते हुए उन्हें चंदा के रूप में कंपनी द्वारा अर्जित लाभांश दिया गया. याचिका में यह भी आरोप है कि विपक्षी द्वारा यह जानते हुए कि इस दवा का साइड इफेक्ट होगा, लोगों को जानबूझकर मौत के मुंह में धकेला गया.

इस मामले की जानकारी होने पर युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष द्वारा याचिका कोर्ट में दाखिल की गई है. याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायहित और लोक हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी 28 विपक्षीगण को बतौर अभियुक्त तलब कर उन्हे दंडित किया जाए. साथ ही यह भी मांग की गई है कि इस मामले में जितने भी लोग इस दवा के साइड इफेक्ट से पीड़ित है सभी को क्षतिपूर्ति दिलाई जाए.

विवाद और राजनीति गर्माने की ये वजह

वैक्सीन बनाने वाली ब्रिटिश दवा कंपनी अस्ट्राजेनेका(Astrazeneca) ने हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत में यह माना कि उनकी वैक्सीन से खून के थक्के जमने और प्लेटलेट्स कम होने जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इसके बाद विवाद शुरू हो गया क्योंकि भारत में भी बड़ी संख्या में लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन की डोज ली थी. इसको लेकर लोकसभा इलेक्शन के दौरान विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर भी हो गया. हालांकि विवाद के कुछ ही दिनों बाद कंपनी अब अपनी वैक्सीन को दुनियाभर से वापस लेने की घोषणा कर चुकी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के खिलाफ लंदन हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं.

क्या है वैक्सीन का साइड इफेक्ट

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर दवा किया जा रहा है की इसे लगवाने वालों में एक दुर्लभ साइड इफेक्ट का खतरा है. इसको थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) कहते हैं। यह एक ऐसी कंडीशन है जिसमें प्लेटलेट्स काउंट कम हो जाते हैं और ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के जम जाते हैं। वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये समस्याएं 10 में से एक व्यक्ति को हो सकती हैं.

ये भी पढ़ेंःलोकसभा चुनाव 2024 चौथा चरण LIVE; कन्नौज में बंपर वोटिंग के बीच भिड़े सपा-भाजपा कार्यकर्ता, शाहजहांपुर में बहिष्कार

ये भी पढ़ेंःबदमाश झुन्ना पंडित समेत 8 दोषियों को आजीवन कारावास, दिनदहाड़े दिव्यांग को कर दिया था गोलियों से छलनी

Last Updated : May 13, 2024, 3:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details