इंफाल: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के एक जनजातीय संगठन ने कहा कि वह भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के केंद्र के फैसले का 'विरोध' करेगा. इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने एक बयान में कहा कि संगठन ने जिला मुख्यालय में स्थानीय लोगों का विचार जानने के लिए शनिवार को एक सभा का आयोजन किया था.
मणिपुर का जनजातीय संगठन भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध करेगा
By PTI
Published : Jan 28, 2024, 1:33 PM IST
Manipur tribal organisation to oppose fencing: भारत सरकार की भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की योजना है. मणिपुर के एक जनजातीय संगठन ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है.
इस दौरान भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और दोनों देशों के बीच मुक्त आवागमन व्यवस्था को रद्द करने के केंद्र के फैसले का 'विरोध' करने का संकल्प लिया गया. मुक्त आवागमन व्यवस्था सीमा के दोनों ओर रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक की यात्रा करने की अनुमति देती है। भारत के चार राज्य- अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिजोरम, म्यांमा के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं.
बयान में कहा गया कि आईटीएलएफ ने 'कुकी जो समुदाय के लोगों के राजनीतिक भविष्य’ के लिए मिजोरम सरकार से मुलाकात करने का भी फैसला किया. म्यांमा में फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद यहां के 31,000 से अधिक लोगों ने मिजोरम में शरण ली है। इनमें से ज्यादातर चिन राज्य से हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 जनवरी को गुवाहाटी में कहा था कि सरकार भारत-म्यांमा सीमा पर लोगों की मुक्त आवागमन व्यवस्था को समाप्त कर देगी और सीमा पर बाड़ लगाएगी.