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मद्रास हाईकोर्ट ने पेरियासामी के खिलाफ मामले की दोबारा सुनवाई करने का आदेश दिया

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 26, 2024, 1:54 PM IST

Madras High Court I Periyasamy: मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु के मंत्री आई पेरियासामी के खिलाफ अवैध भूमि आवंटन मामले को बंद करने के विशेष अदालत के आदेश को रद्द कर दिया.

Madras High Court ordered a special court to rehear the case against Minister I Periyasamy (photo etv bharat )
मद्रास हाईकोर्ट ने पेरियासामी के खिलाफ मामले की दोबारा सुनवाई करने का आदेश दिया

चेन्नई:तमिलनाडु के मंत्री आई. पेरियासामी मकानों के आवंटन में कथित अनियमितता के मामले में एक बार फिर से फंस गए हैं. मद्रास उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसने पेरियास्वामी को मुक्त कर दिया गया था. विशेष अदालत को एक महीने के भीतर मामले की फिर से सुनवाई करने का निर्देश दिया है.

घरों के आवंटन में कथित अनियमितता:आई. पेरियासामी वर्ष2008 में डीएमके शासन के दौरान अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और हाउसिंग बोर्ड से संबंधित घरों को अपने रिश्तेदारों और गणेशन को आवंटित कर दिया. गणेशन दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि के अंगरक्षक (पीएसओ) थे. आई. पेरियासामी डीएमके शासन के दौरान तमिलनाडु के आवास मंत्री थे.

2012 में एआईएडीएमके शासन के दौरान भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने शिकायत के संबंध में आई. पेरियास्वामी के खिलाफ मामला दर्ज किया और जांच की. पुलिस सूत्रों ने बताया कि जांच के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये गए.

केस रद्द होने का कारण:जब यह मामला जस्टिस जयावेल के सामने सुनवाई के लिए आया तो वर्तमान ग्रामीण विकास मंत्री आई. पेरियासामी ने कहा कि भूखंडों का आवंटन नियमों के अनुसार किया गया था. इससे सरकार को कोई वित्तीय नुकसान नहीं हुआ. प्रासंगिक दस्तावेजों के सत्यापन के बाद तत्कालीन बाजार मूल्य पर मकान बेचे गए.

यह भी बताया गया कि शिकायत में उनकी संलिप्तता का आरोप लगाने वाला कोई सबूत नहीं था. आगे यह भी तर्क दिया गया कि उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ाने से पहले लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत एक मंत्री के रूप में मुकदमा चलाने के लिए राज्य के राज्यपाल से उचित अनुमति नहीं ली थी. और कदाचार की शिकायत से उनका कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि मामला तत्काल राजनीति से प्रेरित और प्रतिशोधात्मक था.

हाईकोर्ट का फैसला : इस आदेश का पुनः परीक्षण करने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आनंद वेंकटेश ने व्यक्तिगत रूप से मामले की सुनवाई की. न्यायाधीश ने सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद फैसला सुनाया. इसमें विशेष अदालत द्वारा आई पेरियास्वामी को बरी करने के आदेश को रद्द कर दिया गया. न्यायाधीशी ने कहा कि एक विशेष अदालत को दोबारा सुनवाई करानी चाहिए. रोजाना जांच करें और एक महीने में केस पूरा करें. ऐसे में आरोपी को स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देना चाहिए. भ्रष्टाचार निरोधक विभाग और आरोपियों को संबंधित दस्तावेज अदालत में जमा करने होंगे.

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