1977 का वो किस्सा जब हरियाणा में गिरफ्तारी के खिलाफ सड़क पर बैठ गईं इंदिरा गांधी, 3 साल में सत्ता में लौटी कांग्रेस - Indira Gandhi Protest in Faridabad
Indira Gandhi Protest in Faridabad: आपातकाल के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद करीब 3 साल तक पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए मुश्किल भरे रहे. इस दौरान उन्हें गिरफ्तार होना पड़ा और जेल भी जाना पड़ा. उनकी गिरफ्तारी का एक किस्सा हरियाणा से भी जुड़ा है. इस दौरान उन्हें फरीदाबाद लाया गया, जहां इंदिरा गांधी सड़क किनारे बैठ गईं. इस घटना ने कांग्रेस को सत्ता में फिर वापसी कराने में मदद की.
Indira Gandhi Protest in Faridabad
फरीदाबाद: ये किस्सा है साल 1977 का. आपातकाल के बाद हुए चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. मोरारजी देसाई जनता पार्टी के प्रधानमंत्री बने और गृह मंत्री थे चौधरी चरण सिंह. कहा जाता है कि आपातकाल का बदला लेने के लिए चौधरी चरण सिंह किसी भी कीमत पर इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करना चाहते थे. इसीलिए उनके खिलाफ स्कैम का एक केस बनाया गया. उन्हें गिरफ्तार करके फरीदाबाद जिले के बड़खल लाया गया.
इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने के लिए विशेष पुलिस अधिकारियों की टीम बनाई गई. इस टीम की अगुवाई कर रहे थे सीबीआई के ऑफिसर एनके सिंह. 1977 में जब इंदिरा गांधी सत्ता से बाहर हुईं तो उनके ऊपर कई केस हुए. जनता पार्टी सरकार का इरादा था उन्हें गिरफ्तार करने का. चौधरी चरण सिंह ने गृह मंत्री बनते ही शाह कमीशन का गठन किया. इसका मकसद इमरजेंसी के दौरान हुए उत्पीड़न और हत्याओं की जांच करना था. इंदिरा गांधी के ऊपर भी कुछ मुकदमे दर्ज किये गए. जिसमें से एक मुकदमा 3 अक्टूबर 1977 को दर्ज किया गया. इस केस में दिल्ली पुलिस ने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने का वारंट भी तुरंत हासिल कर लिया. दिल्ली पुलिस उन्हें लेकर फरीदाबाद के बड़खल लेकर पहुंची.
वरिष्ठ पत्रकार अमित नेहरा बताते हैं दिल्ली पुलिस की टीम इंदिरा गांधी को लेकर फरीदाबाद के बड़खल में गेस्ट हाउस के लिए जा रही थी. इस दौरान रास्ते में एक रेलवे फाटक आया जो कि बंद था. वहां से दो ट्रेन गुजर रही थी इसलिए काफी कमय लग गया. इस दौरान इंदिरा गांधी अपनी गाड़ी से उतर गई और रेलवे लाइन के पास एक पुलिया पर बैठ गईं. इंदिरा गांधी की गिरफ्तारी की खबर सुनकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं की भीड़ लग गई. राजीव गांधी, संजय गांधी और हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेता बंसीलाल समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे.
इस दौरान इंदिरा गांधी के वकील और दिल्ली पुलिस के बीच बहस भी हो गई. इंदिरा गांधी के वकील ने कहा दिल्ली पुलिस ने जो वारंट लिया है वो दिल्ली का है. उन्हें दूसरे राज्य की सीमा में नहीं ले जा सकती. काफी हंगामे के बाद दिल्ली पुलिस इंदिरा गांधी को वापस लेकर दिल्ली आ गई और यहीं पर गेस्ट हाउस में उन्हें रखा गया. हलांकि अगले ही दिन कोर्ट ने गिरफ्तारी के लिए पर्याप्त कारण नहीं होने के चलते इंदिरा गांधी पर लगे केस को खारिज कर दिया और वो 24 घंटे के अंदर वो रिहा हो गईं.
कहा जाता है कि इंदिरा गांधी के गिरफ्तारी के इस प्रकरण से कांग्रेस के लिए सहानुभूति लहर बनने लगी. इस घटना के बाद इंदिरा गांधी की लोकप्रियता फिर से बढ़ने लगी. यही वजह है कि 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (आई) को 353 सीटें मिली और इंदिरा गांधी फिर से देश की प्रधानमंत्री बनीं. हरियाणा में कांग्रेस को 10 में से 5 सीटें मिली.