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PM मोदी को चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग वाली खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- चुनाव आयोग को हम नहीं बता सकते - DELHI HC REJECT PETITION

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 29, 2024, 4:24 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट ने दायर याचिका को खारिज कर दिया. याचिका में मांग की गई थी कि पीएम मोदी पर 6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगे. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वह चुनाव आयोग को कैसे काम करना है इसका आदेश नहीं दे सकता है.

पीएम मोदी के 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक की याचिका खारिज
पीएम मोदी के 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक की याचिका खारिज

नई दिल्ली :दिल्ली हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 6 साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस सचिन दत्ता की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिका खारिज करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ये मान कर चल रहा है कि आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन किया गया है. याचिकाकर्ता की शिकायत मात्र से कोर्ट निर्वाचन आयोग को निर्देश नहीं दे सकती है. सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया वो याचिकाकर्ता की शिकायत पर विचार कर रही है.

याचिका में प्रधानमंत्री को छह साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी. याचिका वकील आनंद एस जोंधाले ने दायर किया था। याचिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री ने 9 अप्रैल को उत्तरप्रदेश में अपने भाषण में हिन्दू और सिख गुरुओं के नाम पर बीजेपी के लिए वोट मांगे. याचिका में कहा गया है कि अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने विपक्ष को मुसलमानों से जोड़कर बोला. चुनाव में धर्म का प्रयोग करना जनप्रतिनिधित्व कानून का खुला उल्लंघन है.

याचिका में मांग की गई थी और प्रधानमंत्री को छह साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया जाए. याचिका में कहा गया कि प्रधानमंत्री का भाषण लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव में बाधा पैदा कर सकता है. याचिका में मांग की गई थी कि कोर्ट निर्वाचन आयोग को निर्दश दे कि वो प्रधानमंत्री के भाषण पर संज्ञान ले और प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करे.

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याचिका में कहा गया था कि प्रधानमंत्री देश भर में हवाई यात्रा कर ऐसे भाषण दे रहे हैं जिससे एक समुदाय के खिलाफ घृणा का माहौल पैदा हो सकता है. देश भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए ऐसे भाषणों पर रोक लगनी चाहिए.

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