सूरत:यह साल लीप वर्ष है. प्रत्येक चार वर्ष में एक बार लीप वर्ष आता है, तब वर्ष 366 दिन का हो जाता है. तब फरवरी माह में 28 की जगह 29 दिन होते हैं. अगर किसी का जन्मदिन 29 फरवरी है तो वह 04 साल में एक बार ही आता है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई का जन्मदिन भी 29 फरवरी को होता है. लम्बा जीवन जीने के बाद 99 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया. भारतीय राजनीति के इतिहास में पंचायती राज और ग्राम स्वराज के प्रवर्तक प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी 1896 को वलसाड के एक भाडेली गांव में हुआ था. आइए उनकी जयंती के अवसर पर उनके योगदान और उनके विचारों को याद करें, जिन्होंने ना केवल राष्ट्र को समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान किया बल्कि अपना जीवन सामाजिक न्याय, समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में समर्पित करके महत्वपूर्ण योगदान दिया.
देश के चौथे प्रधान मंत्री
मोरारजी देसाई गुजरात की सूरत सीट से लोकसभा के लिए चुने गए. बाद में उन्हें सर्वसम्मति से संसद में जनता पार्टी का नेता चुना गया और 24 मार्च 1977 को 81 वर्ष की आयु में उन्होंने भारत के प्रधान मंत्री के रूप में शपथ ली. मोरारजी देसाई एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और देश के चौथे प्रधान मंत्री (1977-79) थे. वह एकमात्र व्यक्ति हैं जिन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न और पाकिस्तान के सर्वोच्च सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से सम्मानित किया गया है.
प्रधानमंत्री के रूप में अधूरा कार्यकाल
इससे पहले मोरारजी देसाई ने कई बार प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की, लेकिन वे असफल रहे. ऐसा नहीं है कि वह प्रधानमंत्री बनने के काबिल नहीं थे. दरअसल, उनका दुर्भाग्य था कि सबसे वरिष्ठ नेता होने के बावजूद पंडित नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद भी उन्हें प्रधानमंत्री नहीं बनाया गया. प्रधानमंत्री के रूप में मोरारजी देसाई का कार्यकाल पूरा नहीं हो सका। चौधरी चरण सिंह से राजनीतिक मतभेदों के कारण उन्हें प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.
स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए
मोरारजी देसाई ने 1930 में ब्रिटिश सरकारी नौकरी छोड़ दी और स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में शामिल हो गए. इसके बाद 1931 में उन्हें गुजरात राज्य कांग्रेस कमेटी का सचिव बनाया गया. मोरारजी देसाई ने अखिल भारतीय युवा कांग्रेस शाखा की स्थापना की और सरदार पटेल के निर्देशानुसार इसके अध्यक्ष बने. 1932 में मोरारजी को दो वर्ष की कैद हुई.
सोमनाथ ट्रस्ट के ट्रस्टी