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तमिलनाडु: DMK ने प्रतिद्वंद्वी अन्नाद्रमुक को भाजपा पर निशाना साधने के लिए किया मजबूर - Tamilnadu Loksabha Elections

By PTI

Published : Mar 31, 2024, 4:25 PM IST

Tamilnadu Loksabha Elections: अन्नाद्रमुक महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी के भाजपा के प्रति नरम रुख ने द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को चुनावी मुद्दा दे दिया है. ऐसा लगता है कि दोनों दलों द्वारा विचार विमर्श करके चुनावी लड़ाई को उनके बीच ही सीमित कर दिया है. इन्होंने कांग्रेस, वामपंथी दलों समेत अन्य राजनीतिक संगठनों के चुनाव अभियान को ग्रहण लगा दिया है.

K Palaniswami (File Photo)
के. पलानीस्वामी (फाइल फोटो)

चेन्नई: तमिलनाडु में विपक्षी अन्नाद्रमुक (अखिल भारतीय द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) के महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी का भाजपा के प्रति नरम रुख दिखाई दे रहा है. ऐसा लगता है कि उनके नर्म रूख ने प्रदेश में सत्तारूढ़ द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कषगम) अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन को चुनावी मुद्द बनाने में बढ़त दे दी है.

स्टालिन के निशाने पर अन्नाद्रमुक और भाजपा दोनों रहते हैं. ये पलानीस्वामी को अक्सर भाजपा के खिलाफ हमला करने के लिये उकसाते रहते हैं. इन दोनों दलों ने ऐसा विमर्श तय कर दिया है, जिससे चुनावी लड़ाई उनके बीच ही सीमित हो गई है. इससे कांग्रेस, वामपंथी दलों समेत अन्य राजनीतिक संगठनों के चुनाव अभियान को लगभग ग्रहण लगा दिया है. हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने द्रमुक पर तीखे प्रहार किए हैं.

पलानीस्वामी का तर्क है कि भाजपा की आलोचना करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अन्नाद्रमुक ने भाजपा से नाता तोड़ लिया है. केंद्र में सत्तारूढ़ दल की आलोचना करना तर्कसंगत नहीं है. लगातार आलोचना की वजह से पलानीस्वामी जवाब देने के लिए मजबूर हैं.

उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम तथा अन्नाद्रमुक की पूर्व नेता वीके शशिकला की भी तीखी आलोचना नहीं की थी. शशिकला को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. स्टालिन के बेटे और मंत्री उदयनिधि ने शशिकला का आशीर्वाद लेते हुए पलानीस्वामी की एक वायरल तस्वीर दिखाई. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अन्नाद्रमुक के. महासचिव ने कहा कि बड़ों का आशीर्वाद लेने में कुछ भी गलत नहीं है.

मुख्यमंत्री ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा, 'पलानीस्वामी का दावा है कि वह भाजपा के खिलाफ हैं, लेकिन उसकी आलोचना नहीं करते. सत्ता में बने रहने के लिए, उन्होंने हमारे छात्रों से नीट परीक्षा दिलवाई. तीन कृषि कानूनों का समर्थन किया. यहां तक दावा किया कि वह किसानों की समस्याओं पर बहस करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने हरी शॉल ओढ़ी और रैयतों को धोखा दिया'.

पलानीस्वामी की तुलना अटॉर्नी जनरल से करते हुए द्रमुक नेता ने कहा कि पलानीस्वामी ने नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) का समर्थन किया. उन्होंने दावा किया कि इससे कोई भी मुस्लिम प्रभावित नहीं हुआ. स्टालिन ने दावा किया कि लेकिन सच्चाई इससे विपरीत थी.

पलानीस्वामी ने पलटवार करते हुए कहा कि स्टालिन को 2021 के अपने चुनावी वादों को पूरा करने को लेकर झूठ बोलने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए. कांग्रेस हो या भाजपा राष्ट्रीय दलों को सिर्फ चुनाव के समय ही क्षेत्रीय दलों की जरूरत होती है. चुनाव के बाद वे क्षेत्रीय दलों को नजरअंदाज कर देती हैं.

उन्होंने चिदंबरम में कहा, 'यही कारण है कि अन्नाद्रमुक ने उन दलों के साथ गठबंधन नहीं किया. हमें स्वतंत्र रूप से काम करना चाहिए. अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए और अपने अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए'.

पलानीस्वामी ने स्टालिन और उदयनिधि की आलोचना करते हुए कहा कि द्रमुक नेताओं ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के 'महाकाव्य गढ़कर' अपनी आक्रामकता प्रदर्शित की. लेकिन जब वे मोदी से मिले तो उन्होंने पूरी तरह से आत्मसमर्पण कर दिया.

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