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रमजान में नेकी: एक गिलास पानी पीकर तोड़ा रोजा और फिर बचाई हिंदू महिला की जान

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 17, 2024, 6:18 PM IST

Updated : Mar 17, 2024, 7:56 PM IST

Muslim Donate Blood for Hindu Woman : रमजान में रोजा रखने के बावजूद एजाज अली को जैसे ही खबर लगी की उनके रेयर ब्लड ग्रुप की किसी को जरुरत है, 50 किमी दूर होने के बावजूद उन्होंने एक पल की भी देर किए बिना छतरपुर के लिए निकल पड़े.

chhatarpur hindu muslim unity
पानी पीकर खोला रोजा और फिर किया रक्तदान

छतरपुर में मुस्लिम युवक ने रक्तदान कर बचाई हिंदू महिला की जान

छतरपुर। "मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन है हिंदुस्तान हमारा" मोहम्मद इकबाल की लिखी यह पंक्तियां हम सभी ने कभी ना कभी पढ़ी या सुनी हैं. मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में हिंदू मुस्लिम एकता की कुछ ऐसी ही मिसाल देखने को मिली. जिला अस्पताल में भर्ती एक हिंदू महिला के लिए 50 किलोमीटर दूर से पहुंचकर एजाज अली ने उसकी जान बचा ली.

रेयर ब्लड ग्रुप AB नेगेटिव की थी जरुरत

छतरपुर जिला अस्पताल में विनीता सेन नाम की एक महिला भर्ती थी जिसका बच्चादानी का ऑपरेशन होना था. महिला को लगातार रक्तश्राव हो रहा था जिस वजह से रक्त की कमी हो गई. डॉक्टरों ने विनीता के पति नंदराम सेन से ब्लड का अरेंजमेंट करने को कहा. विनीता का ब्लड ग्रुप AB नेगेटिव था जो की बेहद रेयर ब्लड ग्रुप होता है. उस समय यह ब्लड ग्रुप जिला अस्पताल में नहीं था.

रफत खान ने किया एजाज से संपर्क

जब AB नेगेटिव ब्लड ग्रुप कहीं नहीं मिला तो जिला अस्पताल के ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने आपा हुजूर नाम से रक्त दान सेवा संचालित करने वाले रफत खान से संपर्क किया. रफत खान ने भी AB नेगेटिव ब्लड तलाशने की बहुत कोशिश की लेकिन ब्लड नहीं मिल रहा था. रफत को पता चला कि राजनगर में रहने वाले एजाज अली का ब्लड ग्रुप AB नेगेटिव है, जिसके बाद एजाज से संपर्क किया गया और वह तुरंत रक्तदान करने के लिए तैयार हो गए.

मुस्लिम युवक ने बचाई हिंदू महिला की जान

पानी पीकर खोला रोजा और फिर रक्तदान

32 साल के एजाज अली छतरपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर राजनगर में रहते हैं. जब उन्हें पता चला कि जिला अस्पताल में एक गरीब महिला भर्ती है जिसे AB नेगेटिव ब्लड की आवश्यकता है और वह कहीं भी नहीं मिल रहा है. जानकारी लगते ही एजाज अपने निजी वाहन से छतरपुर पहुंचे और अस्पताल के पास की ही मस्जिद में नमाज अदा की और सिर्फ पानी पीकर रोजा खोला और सीधे अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने महिला विनीता के लिए एक यूनिट रक्तदान किया और उसकी जान बचा ली.

'इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं'

एजाज अली का कहना है कि "धर्म कोई भी हो इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं होता है. रमजान माह में इंसान की जान बचाने से ज्यादा पुण्य कुछ नहीं हो सकता है".

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विनीता के पति ने की तारीफ

विनीता के पति नंदराम सेन इस बात से बहुत खुश हैं कि उसकी पत्नी की जान बच गई और अब वह एजाज अली को धन्यवाद देते हुए थक नहीं रहा है. नंदराम ने एजाज अली की खूब तारीफ की.

Last Updated : Mar 17, 2024, 7:56 PM IST

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