गुवाहाटी: असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीआईडी) ने दूसरी बार तलब किया है. बता दें, 23 जनवरी को गुवाहाटी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान नियमों के उल्लंघन के आरोप में भूपेन बोरा को 7 मार्च को सीआईडी कार्यालय पहुंचने के लिए समन जारी किया गया है.
इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वह जांच एजेंसी को पहले ही बता चुके हैं वह 7 मार्च को उपस्थित नहीं हो सकेंगे. बोरा ने आगे कहा कि उस दिन उनके पिता की बरसी है और वह रीति-रिवाज के चलते दोपहर तक व्यस्त रहेंगे. उसके बाद केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक है, जिसमें वे शामिल होंगे. इस वजह से वे सीआईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हो पाएंगे. बोरा ने कहा कि अगर निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी होने के बाद उन्हें बुलाया जाएगा तो वह सीआईडी कार्यालय के समक्ष उपस्थित होंगे. उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष जाकिर हुसैन सिकदर को पहले ही सीआईडी को इसकी जानकारी देने को कहा गया है.
सीआईडी से नहीं डरता
भूपेन बोरा ने कहा कि वे सीआईडी के समक्ष पेश होने या गिरफ्तार होने से डरते नहीं हैं. सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी या पुलिस केवल नोटिस भेजकर लोगों को डरा-धमका सकती है. उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि राजधानी गुवाहाटी में साल 2023 में चोरी के 2 हजार से ज्यादा दर्ज मामलों का क्या हुआ. उन्होंने राज्य पुलिस का मजाक उड़ाते हुए कहा कि वह ड्रग डीलरों और सिंडिकेट माफिया से पूछताछ नहीं करेगी, सिर्फ हमको नोटिस भेजकर साहस दिखा रही है.
जांच एजेंसी को दी चुनौती
असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने सीआईडी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह चाहे तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जो पूछना चाहे पूछ सकती है. मैं सभी जवाब देने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि मैं जो जवाब बंद कमरे में दूंगा वही जवाब ऑनलाइन भी दे सकता हूं. वहीं, विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया को भी समन भेजा गया है. उन्हें 6 मार्च को सीआईडी कार्यालय पहुंचने का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि इससे पहले सीआईडी ने पहला समन जारी कर भूपेन बोरा को 2 मार्च की रात 11.30 बजे सीआईडी कार्यालय में उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन भूपेन बोरा उपस्थित नहीं हुए थे.
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