सिद्धपीठ कालीमठ में मौजूद हैं देवी काली के पैरों के निशान, जानिए क्या है महत्ता
नवरात्रि पर्व पर आस्था, आध्यात्म और पवित्रता की त्रिवेणी सिद्धपीठ कालीमठ (Siddhpeeth Kalimath) और कालीशिला में बड़ी संख्या में भक्त मां काली के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. माना जाता है कि जो भक्त मां काली के दरबार में श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना करता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. माना जाता है कि कालीमठ में देवी काली के पैरों के निशान आज भी मौजूद हैं. सिद्धपीठ कालीमठ में मां काली, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती, भैरवनाथ मंदिर में नवरात्रों के दौरान भक्त पूजा पाठ करते हैं. नवरात्रों के प्रथम दिन जौ बीजकर घट की स्थापना की जाती है. सिद्धपीठ कालीमठ मंदिर सरस्वती नदी के किनारे स्थित है. केदारनाथ हाईवे पर स्थित गुप्तकाशी से कालीमठ (Kalimath is on Kedarnath Highway) मात्र आठ किमी दूर है. सिद्धपीठ कालीमठ में पूजा-अर्चना और दर्शन करने से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.