टिहरी में 36 लोगों को दिया जा रहा मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण

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Published : Nov 11, 2022, 2:14 PM IST

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टिहरी का जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मशरूम उत्पादन के लिए लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है. इससे लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें तैयार किया जा रहा है. इसके तहत शिक्षकों के साथ- साथ बच्चों को भी मशरूम उत्पादन की विधि सिखाई जा रही है.

टिहरी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत सरकार की स्वरोजगार योजना के तहत पहली बार टिहरी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (Tehri District Institute of Education and Training) में स्वरोजगार अपनाने के लिए 36 से अधिक लोगों को मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रवक्ता सुधीर चंद्र नौटियाल का कहना है कि यह नेशनल स्तर से भारत सरकार द्वारा स्वीकृत योजना है. इस योजना का उद्देश्य शिक्षकों को प्रशिक्षित कर बच्चों का बौद्धिक एवं शारीरिक सर्वांगीण विकास करना है. योजना की कार्यक्रम समन्वयक अंजना सजवाण एवं सीमा शर्मा का कहना है कि मशरूम उत्पादन में शिक्षकों को प्रशिक्षित कर सेवित क्षेत्र में पलायन रोकने की उम्मीद की जा रही है. बच्चे इस तरह की फार्मिंग सीख कर समाज के लोगों को बताएंगे. उन्हें स्वरोजगार से जोड़ेंगे. यह कार्यक्रम टिहरी में पहली बार किया जा रहा है. इसमें शिक्षकों को मशरूम उत्पादन की विधि सिखाई जा रही है. ऐसे में मशरूम की खेती सबसे मुफीद है. यहां की प्राकृतिक जलवायु भी मशरूम उत्पादन के लिए उपयुक्त है.

मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण

टिहरी के चंबा निवासी ट्रेनर सुशांत उनियाल (sushant uniyal) ने टिहरी जिले के शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में लोगों को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दे रहे हैं. ताकि, वह अपने अपने स्कूलों में जाकर ग्रामीणों व बेरोजगार युवकों को मशरूम उत्पादन के बारे में जानकारी दे सकें. सुशांत उनियाल का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी अपने दिन के भोजन की डाइट में मशरूम को जरूर रखते हैं क्योंकि मशरूम में पोषक तत्त्व ज्यादा होते हैं.
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बता दें कि सुशांत उनियाल की इस पहल को देखते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुशांत उनियाल से बात कर उनकी जमकर सराहना की थी. सुशांत उनियाल कहते हैं कि पीएम मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिहोंने गांव के एक आम आदमी से सीधे बात की. लोगों को काम के प्रति जागरूक किया.

सुशांत बताते हैं कि पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उन्हें बधाई देते हुए कहा था कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है. लेकिन हमें इसे उलट करना है. सुशांत उनियाल जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है. युवा जब खेती करता है तो बड़ा बदलाव आना निश्चित है. सरकार का प्रयास है कि शहरों और गांवों में सुविधाओं के भेद को कम करना है.

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