पड़ताल: ऑलवेदर रोड पर जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर चारधाम यात्री

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Published : Oct 3, 2021, 1:13 PM IST

Updated : Oct 3, 2021, 2:10 PM IST

Chardham Yatra 2021

अधूरी तैयारियों के साथ शुरू की गई चारधाम यात्रा का खामियाजा यात्रा पर आ रहे चारधाम यात्रियों को उठाना कर रहा है. ऋषिकेश-गंगोत्री और ऋषिकेश बदरीनाथ हाईवे पर जगह-जगह डेंजर जोन बन गए हैं और यहां से चारधाम यात्रियों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ रही है.

टिहरी: नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधूरी तैयारियों के साथ धामी सरकार ने चारधाम यात्रा शुरू कर दी है. जिसका नजीता ये है कि चारधाम यात्रा मार्ग दुरुस्त नहीं होने से चारधाम यात्रा जान जोखिम में डालकर यात्रा करने पर मजबूर हैं. आलम ये है कि ऋषिकेश-गंगोत्री NH-94 और ऋषिकेश बदरीनाथ NH-58 में जगहों पर डेंजर जोन बने हुए हैं. ऐसे में चारधाम की यात्रा पर आ रहे यात्री इन्हीं डेंजर जोन से आवागमन करने पर मजबूर हैं लेकिन अभी तक राज्य या केंद्र सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजक्ट 'ऑल वेदर रोड' की हालत इन दिनों खस्ता है. NH-94 पर NH-58 जगह-जगह डेंजर जोन बन गये हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों और चारधाम यात्रियों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है. ऐसे में स्थानीय लोगों में रोष है. उनका कहना है कि ऑल वेदर रोड काम करने वाली कंपनी और ठेकेदार की लापरवाही के कारण किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है.

ऑलवेदर रोड पर जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर चारधाम यात्री.

अभी तक मलबा भी नहीं हटाया: सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र कंडारी ने कहा कि ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारों ने मनमर्जी से जिस तरह कटान किया, उसका असर अब दिखाई दे रहा है. सड़क को टूटे हुए दो महीने से ज्यादा का समय हो गया लेकिन ठेकेदारों ने नही अभी तक मलबे को हटाया और ना ही सड़क को ठीक किया, जिससे यह साफ साबित होता है कि ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारों की ऊंची पकड़ होने के कारण यहां किसी की सुनने को तैयार नहीं हैं.

बारिश में जगह-जगह टूटा हाईवे: गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को जोड़ने वाली इस परियोजना में कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां भारी बारिश के कारण मार्ग को खासा नुकसान हुआ लेकिन कार्यदायी संस्थाओं ने समय रहते मार्ग को ठीक नहीं किया और अधूरी तैयारियों के साथ चारधाम यात्रा को खोल दिया गया है.

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स्थानीय लोगों में रोष: चारधाम यात्रा मार्ग की इस हालत को लेकर स्थानीय लोगों में रोष है. उनका कहना है कि ऑल वेदर रोड का काम करने वाले ठेकेदारों ने पहाड़ की भौगोलिक स्थिति को ना समझ कर अनाप-शनाप तरीके से पहाड़ियों का कटान किया है, जिसका परिणाम आज स्थानीय लोगों के साथ ही चारधाम की यात्रा पर आ रहे यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है, जबकि पहाड़ की भौगोलिक स्थिति हर 50 मीटर की दूरी पर बदल जाती है. अब स्थानीय लोगों ने उत्तराखंड सरकार को चेतावनी दी कि अगर जल्दी से जल्दी ऋषिकेश-गंगोत्री NH-94 और ऋषिकेश बदरीनाथ NH-54 हाईवे की सड़कों को तत्काल ठीक नहीं किया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

क्या है ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट: ये केंद्र की मोदी सरकार का एक प्रोजेक्ट है, जिसे चारधाम प्रोजेक्ट भी कहते हैं. साल 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले दिसंबर 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान किया था. इसके तहत उत्तराखंड के चारों धामों- गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ को आपस में जोड़ने की योजना है.

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प्रोजेक्ट पर खर्च हो रहे ₹12 हजार करोड़: ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत बन रहे केदारनाथ और बदरीनाथ हाईवे पर कई ऐसे डेंजर जोन है जहां लैंडस्लाइड की घटनाएं देखी जाती हैं. यहां पर इस प्रोजेक्ट को बेहतर तरीके से तैयार करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है. इस परियोजना के तहत करीब 12000 करोड़ रुपए खर्च कर करीब 900 किलोमीटर लंबे हाईवे को चौड़ा किया जाएगा. इसमें यमुनोत्री का नेशनल हाईवे 94, गंगोत्री का नेशनल हाईवे 108, केदारनाथ का नेशनल हाईवे 109 और बदरीनाथ का नेशनल हाईवे 58 शामिल है.

हाईकोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई चारधाम यात्रा: कोरोना महामारी के मद्देनजर नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद राज्य सरकार की दलील पर नैनीताल हाईकोर्ट ने यात्रा लगी रोक हटा दी थी और सीमित श्रद्धालुओं के साथ 18 सितंबर से चारधाम यात्रा से संचालन की अनुमति दी थी.

Last Updated :Oct 3, 2021, 2:10 PM IST
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