Snowfall in Kedarnath: बर्फबारी के चलते नीचे लौटे मजदूर, अब मार्च में होंगे पुनर्निर्माण कार्य
Updated on: Jan 18, 2023, 5:12 PM IST

Snowfall in Kedarnath: बर्फबारी के चलते नीचे लौटे मजदूर, अब मार्च में होंगे पुनर्निर्माण कार्य
Updated on: Jan 18, 2023, 5:12 PM IST
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में बर्फबारी के बाद नजारा बेहद खूबसूरत हो गया है, लेकिन इस बर्फबारी ने केदारपुरी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों को ठप कर दिया है. यहां कई फीट बर्फ जम गई है. जिसके चलते केदारनाथ धाम से मजदूर नीचे लौट गए हैं. अब धाम में आईटीबीपी के जवान और कुछ साधु संत ही डटे हुए हैं.
रुद्रप्रयागः विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार केदारनाथ धाम में चल रहे सभी प्रकार के पुनर्निर्माण कार्य बर्फबारी के कारण बंद कर दिए गए हैं. निर्माण कार्यों में जुटे सभी मजदूर वापस लौट आए हैं. अब मौसम साफ होने के बाद मार्च महीने में ही केदारनाथ में दोबारा से पुनर्निर्माण कार्य शुरू होंगे. फिलहाल, केदारपुर में तीन से चार फीट तक बर्फ जमी हुई है. आईटीबीपी के जवान बर्फबारी के बाद भी केदारनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था में डटे हुए हैं.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से केदारनाथ धाम में रुक-रुककर बर्फबारी का दौर जारी है. धाम में अभी तक तीन से चार फीट तक बर्फ जम चुकी है. बर्फबारी के कारण धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्य पूरी तरह से बंद हो गए हैं. पूरी केदारपुरी ने बर्फ की मोटी चादर ओढ़ ली है. बर्फबारी के चलते केदारनाथ धाम में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बंद पड़ गई है. केदारनाथ में 150 से ज्यादा मजदूर पुनर्निर्माण कार्य करने में जुटे हुए थे, लेकिन अब सभी मजदूर वापस लौट आए हैं.
केदारनाथ धाम में अब सिर्फ आईटीबीपी के जवान और कुछ साधु संत मौजूद हैं. बाबा बर्फानी के नाम से विख्यात ललित रामदास महाराज केदारनाथ में जमे हुए हैं. केदारनाथ आपदा 2013 के बाद से ललित महाराज केदारनाथ धाम में रह रहे हैं. ललित महाराज खासकर कड़ाके ठंड और बर्फबारी के बीच तपस्या करने को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. उनकी बर्फबारी में उनके तपस्या में लीन होने की तस्वीरें अक्सर वायरल होती रहती है.
वहीं, मौसम साफ होने के बाद ही अब मार्च महीने में दोबारा से पुनर्निर्माण कार्य शुरू हो पाएंगे. केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण का कार्य कर रही वुड स्टोन कंपनी के मैनेजर सोबन सिंह ने बताया कि धाम में लगातार बर्फबारी हो रही है. जिस कारण कार्य कर पाना संभव नहीं है. सभी मजदूर नीचे लौट आए हैं. धाम में अधिकतम तापमान माइनस 15 डिग्री तक है. अब मार्च महीने में ही दोबारा कार्य शुरू हो पाएंगे.
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