तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले का आगाज, 8 क्विंटल फूलों से सजा ओंकारेश्वर मंदिर

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Published : Nov 24, 2021, 9:14 PM IST

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ऊखीमठ में तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले (Madhyamaheshwar fair ) का आगाज हो गया है. मेले के पहले दिन स्कूली छात्रों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं.

रुद्रप्रयाग: भगवान मद्महेश्वर (Madmaheshwar) की चल विग्रह उत्सव डोली के हिमालय से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर आगमन पर तीन दिवसीय मद्महेश्वर (Madhyamaheshwar fair ) मेले का आगाज रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ. तीन दिवसीय मेले के शुभारंभ अके मौके पर विभिन्न विद्यालयों व महिला मंगल दलों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. जिसका दर्शकों ने देर शाम तक भरपूर आनंद लिया.

बता दें 25 नवंबर यानि कल द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी. हर वर्ष की तरह इस साल भी मद्महेश्वर डोली के आगमन से पूर्व ऊखीमठ में मेले का आयोजन किया जा रहा है. राइंका ऊखीमठ के खेल मैदान में आयोजित तीन दिवसीय मद्महेश्वर मेले के उद्घाटन अवसर पर रावल भीमाशंकर लिंग के प्रतिनिधि के रूप में बतौर देव अतिथि के रूप में डाॅ केदार लिंग ने शिरकत की.

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इस दौरान उन्होंने कहा भगवान मद्महेश्वर न्याय के देवता के रूप में माने जाते हैं. उन्होंने कहा मनुष्य को हमेशा पुण्य क्षेत्र का स्मरण कर पुण्य क्षेत्र में गमन करना चाहिए. मेले के शुभारंभ के मौके पर राइंका, जूनियर हाईस्कूल पठाली, महिला मंगल दल डंगवाडी, सारी, भैंसारी, सरस्वती विद्या मन्दिर, कन्या हाई स्कूल, एवरग्रीन, भारत सेवा आश्रम सहित विभिन्न विद्यालयों, महिला मंगल दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही. मेले में स्वास्थ्य विभाग, होम्योपैथिक, चित्रलेखा, आयुर्वेदिक, राजयोग सेवा केन्द्र, कृषि, उद्यान, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, पशुपालन, जिला उद्योग केन्द्र, एंटी इण्डिया, बाल विकास, वन विभाग सहित विभिन्न विभागों द्वारा स्टाॅल लगाकर काश्तकारों व ग्रामीणों को अनेक विभागीय जानकारी दी जा रही है.

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सामाजिक कुरीतियों पर कवियों ने कसे तंज: मद्महेश्वर मेले का पहला दिन कलश संस्था के कवियों के नाम रहा. कलश के कवियों ने अंधविश्वास पर कटाक्ष, स्थानीय रीति रिवाजों और परम्पराओं को अक्षुण्ण रखने की दिशा में काव्य पाठ किया. कलश के प्रणेता ओम प्रकाश सेमवाल ने 'होणि खाण्यौ समौ दगड़्या फेर से बौड़ीगे ऐगे भयों, भल्यारौ समौ दगड़्या फेर से बौड़ीगे ऐगे भयों', गणेश खुगशाल गणी ने एकी भितर मा एकी रुसड़ों खैकि, जब एक बुबै औलाद इन छन, मुरली दीवान ने मेरो बुड्या तै जमनौ आठ पास पर क्य कन नौकरि ना चाकरि पैदल बटौ गाजर घास', तेजपाल रावत निर्मोही चला दादु मिलीक तौं रीति-रिवाजों तैं खोजीक ल्ह्यौला, अनूप नेगी ने द्वी ही लोग भौत छिन ये द्यौस चलौणौ तैं पर शर्त केवल एक हि च घौर गुजरात होण चैन्द, उपासना सेमवाल ने सुख मेटि मेटी थकी जिन्दगी, दुख स्हौणौ सगोर भी होण चैन्द, सुरेन्द्र दत्त नौटियाल ने काशी विश्वनाथ दैनु ह्वे काव्य प्रस्तुत कर दर्शकों का खूब मनोरंजन किया.

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8 क्विंटल फूलों से सजा ओंकारेश्वर मंदिर: द्वितीय केदार बाबा मद्महेश्वर की डोली के ओंकारेश्वर मंदिर आगमन से पूर्व देवस्थानम बोर्ड की ओर से 8 क्विंटल फूलों से मंदिर को भव्य तरीके से सजाया गया है. गिरीया गांव से रवाना होकर डोली ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचेगी, जहां सैकड़ों की संख्या में भक्त बाबा की डोली का स्वागत करेंगे.

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