बदरी केदार मंदिर समिति: फर्जी तरीके से पदोन्नितियों के मामले में कांग्रेस हमलावर

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Published : Sep 24, 2022, 5:37 PM IST

Updated : Sep 24, 2022, 9:25 PM IST

Congress attackers on the issue of fake promotions in Badri Kedar temple committee

उत्तराखंड में UKSSSC पेपर लीक, विधानसभा बैक डोर भर्ती मामला, सहकारिता में भर्ती घोटाले के बाद अब बदरी केदार मंदिर समिति में भी फर्जी तरीके से पदोन्नितियों का मामला सामने आया है. कांग्रेस ने मामले में बदरी-केदार मंदिर समिति पर गंभीर आरोप लगाये हैं.

रुद्रप्रयाग: बदरी-केदार मंदिर समिति में बैकडोर से हो रहे नियम विरूद्ध प्रमोशन और वेतन वृद्धि के मामलों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा मंदिर समिति में इस प्रकार से भ्रष्टाचार करना नियमों का खुलेआम उल्लंघन करना, आपराधिक मामला है. समिति में अपने रिश्तेदारों को भाजपा नेता मनमाना पद बांट रहे हैं. मामले में शासन और सरकार चैन की नींद सोयी है.

कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी ने कहा इस प्रकार बैकडोर से गैर कानूनी तरीके से मंदिर समिति प्रमोशन और वेतन वृद्धि कर अपने रिश्तेदारों व चहेतों को लाभ दिया जा रहा है. जिससे मंदिर समिति में वर्षों से कार्य करने वाले वरिष्ठ कार्मिकों का मनोबल भी गिरता जा रहा है. भाजपा राज में इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं, जो किसी के भी गले नहीं उतर सकते हैं. आखिर कैसे इस प्रकार की गड़बड़ियों को अंजाम दिया जा रहा है, यह एक चिंता का विषय है.

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उन्होंने कहा भाजपा सरकार में रसूखदार और ऊंची पहुंच रखने वाले किस प्रकार असंवैधानिक तरीके से कामयाबी की सीढ़ी पार करते हैं. उसका जीता जागता नमूना मंदिर समिति है. जिसमें बदरी-केदार मंदिर समिति का अध्यक्ष सारे नियम कानूनों को ताक पर रखकर अपने भाई को स्वयं सेवक से लिपिक वर्ग में शामिल करने के लिए, सबकी अनदेखी करता है. इस गड़बड़ झाले में समिति में नियुक्त अधिकारी और कर्मचारी अपने स्वार्थो के लिए इस कारनामे को अंजाम दे डालते हैं.

बदरी केदार मंदिर समिति में फर्जी तरीके से पदोन्नितियों के मामले पर कांग्रेस हमलावर

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कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता ने कहा बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के स्वायत्त संस्था है, जो दानी-दाताओं के पैसों चलती है. दुर्भाग्य है कि सरकार के प्रतिनिधि उस पैसे को ठिकाने लगाने के लिए लाभार्थी के रूप में अपने रिश्तेदारों का वेतन बढ़ाकर पुरस्कृत कर रहे हैं. फिर चाहे वे उस पद के योग्य हों या ना हों. इस बात की उन्हें कोई फिक्र नहीं है.

उन्होंने कहा बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष का भाई वर्ष 2011 में स्वयंसेवक के रूप में समिति में लगा था, जो कि 14,203 रूपए के वेतन पर 14 मई 2022 से पूर्व तैनात था. उनके भाई के अध्यक्ष बनने के बाद अचानक उनको स्वयंसेवक से लिपिक वर्ग में प्रमोशन कर वेतन 22,770 करने का अनुमोदन अध्यक्ष द्वारा किया गया. आखिर इसमें कौन सी प्रक्रिया अपनाई गई है. यह समिति में तैनात पुराने कर्मचारी और जनता जानना चाहती है.

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वहीं, भाजपा जिला प्रभारी विजय कप्रवाण का कहना है कि कांग्रेस का काम आरोप लगाने का है. जब कांग्रेस सरकार में मंदिर समिति का अध्यक्ष रहा, उस दौरान कोई भी कार्य नहीं हुए. आज मंदिर समिति में अच्छे कार्य हो रहे हैं. बोर्ड की ओर से उन कर्मचारियों की पदोनतियां की गई हैं, जो वर्षो से मंदिर समिति में सेवाएं देते आ रहे हैं. इन कर्मचारियों को पदोन्नति देकर मंदिर समिति ने इनकी वर्षो की सेवाओं का फल उन्हें दिया है.

Last Updated :Sep 24, 2022, 9:25 PM IST
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