Bird Watching Festival: इस बार कोटद्वार में होगा बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल, तैयारियां तेज

Bird Watching Festival: इस बार कोटद्वार में होगा बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल, तैयारियां तेज
पौड़ी जिले में एक बार फिर से बर्ड वॉचिंग फेस्टिव ल(Bird watching festival in Pauri district) का आयोजन किया जाएगा. इस बार कोटद्वार में बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल (Bird watching festival at Kotdwar) होगा. ये बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल 3 फरवरी से शुरू होकर 5 फरवरी (3 day bird watching festival at Pauri) तक चलेगा.
पौड़ी: तीन बार के बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल (Bird watching festival in Pauri district) की सफलता के बाद इसे अब कोटद्वार (Bird watching festival at Kotdwar) में आयोजित किये जाने पर तैयारियां चल रही हैं. इस बार बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल (Bird Watching Festival) फरवरी माह में कोटद्वार के सनेह, दुगड्डा, लालढांग व अमसौड़ सहित अन्य पर्यटक स्थलों पर आयोजित होगा. इसे तीन दिवसीय किये जाने की भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं.
जिला मुख्यालय पौड़ी में तीन बार के बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल की सफलता के बाद इसे अब कोटद्वार में भी आयोजित किया जा रहा है. डीएम डा. आशीष चौहान ने पर्यटन समेत संबंधित विभागों को इस आयोजन की सफलता के लिए जिम्मेदारियां सौंपी है. डीएम डा. चौहान ने बताया पौड़ी के बाद इसे अब कोटद्वार के सनेह, दुगड्डा, लालढांग व अमसौड़ सहित अन्य स्थलों पर आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा तैयारियां सही रूप से चली तो आगागी 3 फरवरी से इसे शुरू कर दिया जाएगा, जो कि 5 फरवरी तक संचालित होगा.
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डीएम ने पर्यटन समेत संबंधित रेखीय विभागों को इस आयोजन में बढ़चढ़ कर प्रतिभाग करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने कहा बर्ड फेस्टिवल को भव्य रूप से मनाये जाने को लेकर अफसर अभी से पूरी तैयारी करना शुरू कर दें. इस आयोजन को लेकर पोस्टर, बैनर व सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार भी किया जाए. कोटद्वार में तीन दिवसीय बर्ड फेस्टिवल को भव्य रूप में मनाए जाने को लेकर पहाड़ों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की फोटो प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. साथ ही इसकी जानकारी पक्षी व प्रकृति प्रेमियों के अलावा छात्र-छात्राओं व स्थानीय लोगों को भी पूरी जानकारी दी जाएगी. इसके लिए पक्षी विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
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बर्ड फेस्टिवल की डॉक्यूमेन्ट्री और फोटोग्राफी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड किया जाएगा. जिससे पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के पक्षियों की जानकारी और उनके वातावरण के बारे में विस्तृत जानकारी एक ही प्लेटफार्म पर उपलब्ध होगी. साथ ही जिले में पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान भी मिलेगी.
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उत्तराखंड को में बसते हैं दुर्लभ पक्षी: प्रदेश में पिछले करीब 10 सालों से पक्षियों की गणना में जुटे आर्क बर्ड काउंट फाउंडेशन के अनुसार भारत में पाए जाने वाले पक्षियों की करीब 50 फीसदी प्रजातियां उत्तराखंड में पायी जाती हैं. देश में पक्षियों की 1305 प्रजातियों के सापेक्ष उत्तराखंड में 700 प्रजातियां पायी जाती हैं. साल 2020 में पौड़ी के खिर्सू में पहली बार शुरू हुई बर्ड वॉचिंग फेस्टिवल में पक्षियों की 43 प्रजातियां देखने को मिली थी.
