Dhari Devi: मूर्ति हटाते आई थी केदारनाथ आपदा, नौ साल बाद अपने मंदिर में विराजेंगी मां धारी देवी
Updated on: Jan 19, 2023, 5:14 PM IST

Dhari Devi: मूर्ति हटाते आई थी केदारनाथ आपदा, नौ साल बाद अपने मंदिर में विराजेंगी मां धारी देवी
Updated on: Jan 19, 2023, 5:14 PM IST
28 जनवरी को धारी देवी की मूर्ति नवनिर्मित मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा. जिसको लेकर मंदिर और जिला प्रशासन की तैयारियों जोरों से चल रही है. मंदिर में रंग-रोगन के साथ ही क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत की जा रही है. 28 जनवरी को सुबह 9.30 बजे से भक्तों के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा.
श्रीनगर: चारधाम की रक्षक मां धारी देवी की मूर्ति जल्द अपने नए मंदिर में स्थापित होने जा रही है. इसको लेकर लिए मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. इसके लिए धारी देवी मंदिर का नए सिरे से रंग-रोगन किया जा रहा है. साथ ही टूटी-फूटी जगहों को ठीक किया जा रहा है. 22 जनवरी से नवनिर्मित मंदिर में धारी देवी के नाम से पाठ शुरू कर दिया जाएगा. जबकि मंदिर में मूर्ति 28 जनवरी को शिफ्ट की जाएगी.
आखिरकार लंबे इंतजार के बाद धारी देवी की मूर्ति नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होगी. मंदिर के पुजारी ने शिफ्टिंग के लिए 28 जनवरी का दिन तय किया है. पुजारी न्यास ने क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत को भी कार्यक्रम में शिरकत करने का न्योता दिया है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि सिद्धपीठ धारी देवी का ये मंदिर श्रीनगर से करीब 13 किलोमीटर दूर अलकनंदा नदी किनारे स्थित था.
श्रीनगर जल विद्युत परियोजना के निर्माण के बाद यह डूब क्षेत्र में आ रहा था. इसके लिए इसी स्थान पर परियोजना संचालन कर रही कंपनी की ओर से पिलर खड़े कर मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन जून 2013 में केदारनाथ जलप्रलय के कारण अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से प्रतिमाओं को अपलिफ्ट कर दिया गया था और पिछले नौ साल से प्रतिमा इसी अस्थायी स्थान में विराजमान हैं.
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लगभग चार साल पूर्व कंपनी की ओर से इसी के समीप नदी तल से करीब 30 मीटर ऊपर पिलर पर पर्वतीय शैली में आकर्षक मंदिर का निर्माण करा दिया गया, लेकिन कंपनी और आदिशक्ति मां धारी पुजारी न्यास में सहमति न बन पाने की वजह से बार-बार प्रतिमाओं की शिफ्टिंग की तिथि आगे खिसकती रही.
धारी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पांडे ने बताया कि 28 जनवरी की सुबह शुभ मुहूर्त में धारी देवी, भैरवनाथ और नंदी की प्रतिमाएं अस्थायी परिसर से नवनिर्मित मंदिर परिसर में स्थापित कर दी जाएगी. इस दिन भक्तों के लिए मंदिर सुबह 9.30 बजे के बाद खोला जाएगा. 22 जनवरी से मंदिर परिसर में महापाठ शुरू कर दिया जाएगा, जो लगातार 28 जनवरी तक चलता रहेगा.
