श्रीनगर में तीन साल से लापता है एक महिला, ममता की तलाश में भटक रहा परिवार

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Published : Sep 28, 2022, 9:26 AM IST

Mamta Joshi Bahuguna

उत्तराखंड के श्रीनगर गढ़वाल से लापता ममता जोशी बहुगुणा का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है. ममता 25 नवंबर 2019 को संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी. परिजन ममता की तलाश में दर दर भटक चुके हैं, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया है. इस मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है.

श्रीनगरः उत्तराखंड में महिलाओं के लापता होने के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. जो काफी चिंताजनक हैं. ऐसा ही एक मामला कीर्तिनगर से सामने आया है. यहां जोशी परिवार पौने तीन साल से अपनी विवाहिता बेटी ममता जोशी बहुगुणा (Mamta Joshi Missing) की राह ताक रहा है. परिजनों ने नवंबर 2019 में श्रीनगर कोतवाली में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी, लेकिन अभी तक ममता का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. पुलिस भी एक साल पहले फाइनल रिपोर्ट लगाकर घटना से जुड़ी फाइल कोर्ट भेज चुकी है. जिस पर परिजनों ने आपत्ति भी जताई है.

जानकारी के मुताबिक, 25 नवंबर 2019 को कीर्तिनगर के चौरास निवासी राजाराम जोशी की विवाहिता बेटी ममता श्रीनगर के नर्सरी रोड मोहल्ला स्थित अपने घर से अचानक लापता हो गई थी. अगले दिन उसके बड़े भाई दीपक जोशी ने ममता की गुमशुदगी श्रीनगर कोतवाली में दर्ज कराई. ममता का फोन घर पर ही था, जबकि उसका चप्पल नैथाणा झूला पुल से बरामद हुआ था. उसके नदी में छलांग मारने की आशंका को देखते हुए पुलिस, एसडीआरएफ और जल पुलिस ने अलकनंदा नदी में सर्च अभियान चलाया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला.
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ममता के छोटे भाई प्रदीप जोशी का कहना है कि उनका परिवार ढाई साल से ममता की तलाश (Srinagar married woman missing) में भटक रहा है. वो मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगा चुके हैं. उनका आरोप है कि पुलिस ने इस प्रकरण में सही ढंग से विवेचना नहीं की. कुछ रसूखदारों के इशारे पर केस को हल्का किया गया. मामले की तह तक पहुंचे बिना केस को बंद कर दिया गया. इसलिए कोर्ट में पुलिस की रिपोर्ट के खिलाफ अपील की गई है. उनका आरोप है कि ममता के लापता होने के पीछे ससुराल पक्ष का हाथ है.

क्या बोली पुलिस? श्रीनगर सीओ श्याम दत्त नौटियाल (Srinagar CO Shyam Dutt Nautiyal) ने बताया कि अक्टूबर 2020 में कीर्तिनगर पुलिस को जयालगढ़ के पास अलकनंदा से एक महिला का शव मिला था. शिनाख्त करवाने पर परिजनों ने ममता का शव होने की संभावना जताई. जिस पर ममता के माता-पिता और अज्ञात महिला के डीएनए सैंपल लेकर जांच के लिए लैब भेजे गए थे.
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जांच में डीएनए का मिलान नहीं हुआ. ममता की खोजबीन में कोई लापरवाही नहीं की गई. नदी में तलाश करने के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी उसकी तलाश की गई. ममता अपने साथ फोन भी नहीं ले गई. काफी प्रयासों के बाद उसका पता नहीं चलने पर मई 2021 में फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को भेजी गई. हालांकि, पुलिस अभी भी ममता की खोजबीन कर रही है.

ममता गुमशुदगी प्रकरण में सरकार से हस्तक्षेप की मांगः वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी (Former Cabinet Minister Mantri Prasad Naithani) ने भी प्रदेश सरकार से ममता गुमशुदगी प्रकरण में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है. उनका कहना है कि ममता जोशी मामले की भी बारीकी से जांच की जानी चाहिए. जोशी परिवार के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है. इसके लिए लड़ाई भी लड़नी पड़ेगी तो कांग्रेस लड़ेगी. बता दें कि इन दिनों अंकिता भंडारी हत्याकांड चर्चाओं में है. यदि अंकिता भंडारी का मामला सोशल मीडिया पर वायरल नहीं होता तो शायद वो भी उत्तराखंड की अन्य लड़कियों की तरह गायब हो जाती.
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