MP Adarsh Gram: विजयपुर में न सड़क है ना पुल, जान जोखिम में डाल नदी पार करते हैं ग्रामीण

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Published : Jan 24, 2023, 10:24 AM IST

Updated : Jan 24, 2023, 1:25 PM IST

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2014 में जब नरेंद्र मोदी केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए थे तो उन्होंने गांवों के विकास का सपना देखा था. पीएम मोदी ने 'सांसद आदर्श ग्राम' योजना शुरू की थी. इसमें हर सांसद को एक गांव को गोद लेकर उसको विकसित करना था. उत्तराखंड में हल्द्वानी के पास विजयपुर गांव को नैनीताल उधमसिंह नगर लोकसभा सीट से सांसद अजय भट्ट ने गोद लिया. गांव वाले आरोप लगाते हैं कि उनके गांव का कुछ भी विकास नहीं हुआ. 100 से ज्यादा परिवार वाले विजयपुर गांव में न सड़क है, ना पुल. गांव के लोगों ने ईटीवी भारत से अपना दुख बयां किया.

सांसद आदर्श ग्राम विजयपुर में सुविधाओं का टोटा

हल्द्वानी: उत्तराखंड में कई गांव हैं, जहां आज तक सुविधाओं का टोटा है. जिससे लोगों को सुविधाओं के अभाव में जीवन यापन करना पड़ता है. सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन ये दावे हल्द्वानी महानगर से महज 5 किलोमीटर दूर विजयपुर गांव के लिए सपना बन गये हैं. आजादी के 76 साल बाद भी गांव में लोग अपने आप को जनप्रतिनिधियों और सरकार से ठगा महसूस कर रहे हैं. जबकि इस गांव को नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने गोद लिया है.

गांव के लिए नहीं बन पाया पुल: हल्द्वानी महानगर से महज 5 किलोमीटर दूर गौलापार में विजयपुर गांव काफी खूबसूरत है. पहाड़ियों से घिरे टापू नुमा गांव में चारों तरफ हरियाली ही नजर आती है. लेकिन ग्रामीणों की सड़क और पुल की मांग आजादी से अब तक पूरी नहीं हो सकी. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में करीब 100 परिवार रहते हैं. आजादी के बाद से देश और प्रदेश में कई सरकारें बदल गईं, लेकिन आज भी यहां के लोगों की तकदीर नहीं बदल पाई है.

ग्रामीणों का कहना है कि गांव की स्थापना 1927 में हुई थी. लेकिन आज तक इस गांव में सरकार द्वारा मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं तक नहीं पहुंची हैं. पंचायत चुनाव हों या विधानसभा या लोकसभा चुनाव, यहां के लोग बढ़-चढ़कर भागीदारी करते हैं. गांव को जोड़ने के लिए 76 साल बाद भी एक पुल और सड़क नहीं बन पायी. इसके चलते बरसात के समय इस गांव का जिला मुख्यालय से संपर्क कट जाता है.
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पुल के अभाव में कई लोग गंवा चुके जान: पिछले सात दशक में कई सरकार और मुख्यमंत्री आए और चले गए, लेकिन विजयपुर की समस्या जस की तस बनी हुई है. यहां तक कि 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने विजयपुर गांव को जोड़ने वाली सूखी नदी पर पुल का शिलान्यास भी किया. लेकिन 10 साल हो गए पुल के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगा. ग्रामीणों का कहना है कि हल्द्वानी शहर आने जाने के लिए सूखी नदी को पार करना पड़ता है. गर्मी में नदी सूखी रहती है, लेकिन बरसात में नदी में काफी पानी आ जाने के चलते ग्रामीणों का संपर्क शहर से कट जाता है. यहां तक कि किसान अपनी फसलों को बाजार तक नहीं ला पाते हैं और जान माल का खतरा बना रहता है. स्कूल जाने वाले बच्चे भी जान जोखिम में डालकर नदी को पार करते हैं और कई बार लोग नदी के बहाव में आकर अपनी जान भी गंवा चुके हैं.
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नैनीताल सांसद ने गांव लिया है गोद: ग्रामीणों का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं. लेकिन ग्रामीणों के दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है. ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय नैनीताल सांसद अजय भट्ट ने इस गांव को गोद लिया है, लेकिन सांसद अजय भट्ट भी अभी तक इस गांव में सांसद बनने के बाद एक बार भी नहीं पहुंचे हैं. ग्रामीणों का कहना है सरकार का यही रवैया रहा तो आने वाले लोकसभा चुनाव हों या अन्य चुनाव सभी चुनाव बहिष्कार किया जाएगा.

अजय भट्ट ने क्या कहा: इस पूरे मामले में स्थानीय सांसद अजय भट्ट का कहना है कि गांव गोद लेने के बाद स्थानीय अधिकारियों को गांव की समस्या को देखने के लिए कई बार भेजा गया है. जहां अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्या को सुना भी है. विजयपुर गांव के सूखी नदी पर बनने वाले पुल के लिए राज्य सरकार प्रयास में जुटी हुई है. वन भूमि की अड़चन के चलते पुल निर्माण में तकनीकी दिक्कत आ रही है. जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाल पुल का निर्माण कराया जाएगा.

Last Updated :Jan 24, 2023, 1:25 PM IST
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